सिंधी घरों से श्री गुरुग्रंथ साहिब उठाने का मुद्दा श्री अकाल तख्त साहिब के पास जाएगा


शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अखिल भारतीय सिंधु संत समाज ने की मुलाकात
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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सिंधी घरों से श्री गुरुग्रंथ साहिब उठाने के मुद्दे पर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अखिल भारतीय सिंधु संत समाज ने आज इंदौर में मुलाकात की। मुलाकात के बाद दोनों समूह के प्रतिनिधियों ने कहा कि जो भी आज चर्चा हुई है वह श्री अकाल तख्त साहिब के पास भेजी जाएगी और हम जल्द ही इस मामले को सुलझा लेंगे। हमारे निवेदन है कि इस गंभीर मसले पर सोशल मीडिया या अन्य किसी भी माध्यम से कोई भी गलत जानकारी न फैलाई जाए।
सिंधी सिख नहीं सनातनी लेकिन हम श्री गुरुग्रंथ साहिब का नाम लेते रहेंगे: महामंडलेश्वर
सिंधी सिख नहीं सनातनी हैं। सिंधी राम, कृष्ण और भगवान झूलेलाल के भक्त हैं लेकिन वे श्री गुरुग्रंथ साहिब का भी नाम लेते रहेंगे। संत और ग्रंथ सबका होता है। श्री गुरुग्रंथ साहिब हमारे दिल में बसी है और हम उसे प्रणाम करते रहेंगे। यह बात भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी हंसरामजी महाराज ने इंदौर में कही। वे यहां पर आयोजित धर्म सनातन सभा में भक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा सिंधी समाज गुरुग्रंथ साहिब की बहुत अच्छी सेवा करता था फिर क्यों हमें श्री गुरुग्रंथ साहिब वापस करने को कहा गया फिर क्यों हमें धमकाया गया।
सिख हमारे बड़े भाई, हम कोई विरोधाभास नहीं चाहते
उन्होंने कहा अखिल भारतीय सिंधु साधु समाज ने ये निर्णय ले लिया था कि 12 जनवरी से श्री गुरुग्रंथ साहिब को पूरे सम्मान और मर्यादा से गुरुद्वारे में देकर आओ। हमने कहा 12 को नहीं हम 11 से ही चालू कर देते हैं। उन्होंने कहा सिख हमारे बड़े भाई हैं, वे हमारे अंग हैं। हम भाईयों के बीच किसी भी तरह का विरोधाभास नहीं चाहते हैं।
देशभर के साधु संत शामिल हुए
इंदौर के साधु वासवानी नगर स्थित साधु वासवानी उद्यान में अखिल भारतीय सिंधु संत समाज ट्रस्ट द्वारा सनातन धर्म सभा का आयोजन किया गया। इसमें देशभर से सिंधी समाज के संत सहित साधु संत शामिल हुए हैं। सभा से पहले शोभायात्रा भी निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए।
हमने ग्रंथ और भगवान को एक समान पूजा
महामंडलेश्वर स्वामी हंसरामजी महाराज ने आयोजन में समाज के लोगों से कहा कि हम सब सनातनी हैं। हम जब भगवान को पूजते थे और ग्रंथ को पूजते थे तो दोनों में कोई भेद रखा था क्या? तो सिंधी समाज ने ऐसा कौन सा कार्य कर दिया। हमारे ऊपर किसी अन्य समाज की मर्यादाएं थौपी जाएगी। जिसके कारण से हमें कहा जा रहा है मर्यादा रहित।
सिख समाज ने कहा था, श्री गुरुग्रंथ साहिब की बात न करें
श्री गुरु सिंघ सभा इंदौर के अध्यक्ष मनजीत सिंह भाटिया ने इस कार्यक्रम के पहले सांसद शंकर लालवानी को शनिवार को एक पत्र लिखा था। इसमें लिखा था कि इस मंच पर श्री गुरुग्रंथ साहिब के बारे में बात नहीं होनी चाहिए। इस पर महामंडलेश्वर ने कहा कि आज धर्म सभा किसलिए की गई है? हम श्री गुरुग्रंथ साहिब का नाम लेते रहेंगे और उनको प्रणाम करते रहेंगे।