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Indore News: कोरोनाकाल के बाद बढ़ा सायकिलिंग का क्रेज,लेकिन इंदौर की सड़कें सुरक्षित नहीं

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कोरोनाकाल के बाद इंदौर मेें साइकिलिंग का क्रेज तेजी से बढ़ा है। लोग अपनी फिटनेस के लिए सायकिल चलाने लगे है। कोरोनकाल के बाद शहर में साइकिलों की इंदौर में रिकार्ड बिक्री हुई, लेकिक शहर की सड़कें सायकिलिंग के लिए सुरक्षित नहीं है। ज्यादातर सड़कों पर साइकिल ट्रेक नहीं बने है और जहां बने थे, वहां उनका रखरखाव नहीं हो रहा। साइकिलिस्ट भी शहर में मिक्स लेन में चलते है। बुधवार को इंदौर मेें एक साइकिलिस्ट रूपेश गांधी को कार चालक ने टक्कर मारकर गंभीर रुप से घायल कर दिया। इस हादसे से शहर के हजारों साइकिलिस्ट चिंतित है। उनका कहना है कि प्रदूषण रोकने के लिए इंदौर में साइकिलिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। कई बड़ी प्रतियोगिताएं भी होती है तो फिर उसके हिसाब से शहर में सुविधाएं भी होना चाहिए।

तोड़ दिए सायकिल ट्रेक
20 साल पहले नगर निगम ने शहर में बांड सड़कों का निमार्ण कराया था। तब अन्नपूर्णा रोड और हाईकोर्ट तिराहा मार्ग पर साइकिल ट्रेक अलग से बनाए गए। चार साल पहले हाईकोर्ट तिराहा मार्ग का चौड़ीकरण किया गया तो सायकल ट्रेक हटाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ा दी गई।

– 250 करोड़ की लागत से बने बीआरटीएस पर भी साइकिल ट्रेक, सर्विस रोड, फुटपात बनाया गया, लेकिन उसका रखरखाव नहीं होता। सर्विस रोड पर पार्किंग हो रही है। इस मार्ग पर साइकिल चलाने वाले भी मिक्स लेन का उपयोग करने को मजबूर है।

-सुपर काॅरिडोर पर बने प्रदेश के पहले आठलेन ब्रिज पर भी साइकिल ट्रेक अलग से बनाया गया है, लेकिन उसका रखरखाव नहीं है। वहां अक्सर कचरा, शराब की खाली बोतले, टूटे कांच पड़े रहते है।

पांच साल से कर रहे है डिमांड

इंदौर साइकिलिंग एसोसिएशन पांच साल से नगर निगम से डिमांड कर रहा है कि जो नई सड़कें बनाई जा रही है, वहां साइकिल ट्रेक का निमार्ण किया जाए। कुछ सड़कों पर बनाए भी गए है, लेकिन उनका रखरखाव भी ठीक तरह से होना चाहिए। सरकारी विभागों को भी साइकिलिंग को बढ़ावा देना चाहिए।  हरिनारायण यादव, अध्यक्ष, इंदौर साइकिलिंग एसोसिएशन

साइकिलिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखे

-साइकिलिंग बगैर हेलमेट के न करे, ज्यादातर हादसों मेें सिर पर चोट लगने से मौत होती है। हेलमेट सिर की सुरक्षा करती है।

– साइकिलिंग गाॅगल का इस्तेमाल भी करना न भूले। यह आपकी आंखों को धूल के कण, धूप से बचाता है।

– सुबह जल्दी या रात को साइकिलिंग करते समय रिफलेक्टिव जैकेेट भी पहने। इससे दूसरे वाहन चालकों को आपकी सड़क पर मौजूदगी का एहसास होता है।

– साइकिलिंग करते समय भारी वाहनों से पर्याप्त दूरी बनाकर चले। कई बार भारी वाहन करीब से निकलते है और हवा के दबाव से साइकिल का संतुलन बिगड़ जाता है और हादसे का जोखिम बढ़ जाता है।

 

विस्तार

कोरोनाकाल के बाद इंदौर मेें साइकिलिंग का क्रेज तेजी से बढ़ा है। लोग अपनी फिटनेस के लिए सायकिल चलाने लगे है। कोरोनकाल के बाद शहर में साइकिलों की इंदौर में रिकार्ड बिक्री हुई, लेकिक शहर की सड़कें सायकिलिंग के लिए सुरक्षित नहीं है। ज्यादातर सड़कों पर साइकिल ट्रेक नहीं बने है और जहां बने थे, वहां उनका रखरखाव नहीं हो रहा। साइकिलिस्ट भी शहर में मिक्स लेन में चलते है। बुधवार को इंदौर मेें एक साइकिलिस्ट रूपेश गांधी को कार चालक ने टक्कर मारकर गंभीर रुप से घायल कर दिया। इस हादसे से शहर के हजारों साइकिलिस्ट चिंतित है। उनका कहना है कि प्रदूषण रोकने के लिए इंदौर में साइकिलिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। कई बड़ी प्रतियोगिताएं भी होती है तो फिर उसके हिसाब से शहर में सुविधाएं भी होना चाहिए।

तोड़ दिए सायकिल ट्रेक

20 साल पहले नगर निगम ने शहर में बांड सड़कों का निमार्ण कराया था। तब अन्नपूर्णा रोड और हाईकोर्ट तिराहा मार्ग पर साइकिल ट्रेक अलग से बनाए गए। चार साल पहले हाईकोर्ट तिराहा मार्ग का चौड़ीकरण किया गया तो सायकल ट्रेक हटाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ा दी गई।

– 250 करोड़ की लागत से बने बीआरटीएस पर भी साइकिल ट्रेक, सर्विस रोड, फुटपात बनाया गया, लेकिन उसका रखरखाव नहीं होता। सर्विस रोड पर पार्किंग हो रही है। इस मार्ग पर साइकिल चलाने वाले भी मिक्स लेन का उपयोग करने को मजबूर है।

-सुपर काॅरिडोर पर बने प्रदेश के पहले आठलेन ब्रिज पर भी साइकिल ट्रेक अलग से बनाया गया है, लेकिन उसका रखरखाव नहीं है। वहां अक्सर कचरा, शराब की खाली बोतले, टूटे कांच पड़े रहते है।

पांच साल से कर रहे है डिमांड

इंदौर साइकिलिंग एसोसिएशन पांच साल से नगर निगम से डिमांड कर रहा है कि जो नई सड़कें बनाई जा रही है, वहां साइकिल ट्रेक का निमार्ण किया जाए। कुछ सड़कों पर बनाए भी गए है, लेकिन उनका रखरखाव भी ठीक तरह से होना चाहिए। सरकारी विभागों को भी साइकिलिंग को बढ़ावा देना चाहिए।  हरिनारायण यादव, अध्यक्ष, इंदौर साइकिलिंग एसोसिएशन

साइकिलिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखे

-साइकिलिंग बगैर हेलमेट के न करे, ज्यादातर हादसों मेें सिर पर चोट लगने से मौत होती है। हेलमेट सिर की सुरक्षा करती है।

– साइकिलिंग गाॅगल का इस्तेमाल भी करना न भूले। यह आपकी आंखों को धूल के कण, धूप से बचाता है।

– सुबह जल्दी या रात को साइकिलिंग करते समय रिफलेक्टिव जैकेेट भी पहने। इससे दूसरे वाहन चालकों को आपकी सड़क पर मौजूदगी का एहसास होता है।

– साइकिलिंग करते समय भारी वाहनों से पर्याप्त दूरी बनाकर चले। कई बार भारी वाहन करीब से निकलते है और हवा के दबाव से साइकिल का संतुलन बिगड़ जाता है और हादसे का जोखिम बढ़ जाता है।

 

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