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Indore: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर सेवन स्टार रेटिंग, जानें क्या होती है ये रेटिंग और कैसे करते हैं तय

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देश के सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने वाला इंदौर अभी तक पहले स्थान पर ही बना हुआ है। इस बार उसे सेवन स्टार रेटिंग भी दी गई है। हम बता रहे हैं कि आखिर ये स्टार रेटिंग होती क्या है, और इसका उद्देश्य क्या है। 

क्या होती है स्टार रेटिंग
शहर की सफाई संबंधित वैश्विक स्तर पर शहरों के तय मापदंडों के आधार स्टार रेटिंग दी जाती है। भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ‘स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल’ वर्ष 2018 में शुरू किया गया था ताकि शहरों को कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करने के लिए एक तंत्र को संस्थागत रूप दिया जा सके और शहरों को स्थायी स्वच्छता संबंधी उच्च क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा सके। यानी 7-स्टार रेटिंग वाले शहर का मतलब होगा कि शहर 100% स्वच्छ है और उसके क्षेत्र में कचरा और कूड़े का कोई निशान नहीं है, जबकि कम रेटिंग वाले शहर का मतलब यह होगा कि शहर प्रत्येक के लिए निर्दिष्ट प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहा है। 
 
क्या है इसका उद्देश्य
स्टार रेटिंग की स्थिति को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि शहर धीरे-धीरे एक मॉडल (7-स्टार) शहर में विकसित हो सके, जिसमें उनकी समग्र स्वच्छता में प्रगतिशील सुधार हो। यह एक व्यापक ढांचा है जो ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के 23 विभिन्न घटकों में शहरों का आकलन करता है और प्राप्त कुल अंकों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। स्टार रेटिंग एक निश्चित स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए स्व-मूल्यांकन और स्व-सत्यापन पर आधारित है। यह स्व-घोषणा की पारदर्शी के लिए नागरिक समूहों की भागीदारी भी सुनिश्चित करती है। इसके अलावा स्व-घोषणा को MoHUA द्वारा नियुक्त एक तृतीय स्वतंत्र पक्ष एजेंसी के माध्यम से सत्यापित किया जाता है।

क्या पहले भी मिली है किसी को ये रेटिंग
नहीं, इंदौर को पहली बार सेवन स्टार रेटिंग दी गई है। इसका मतलब है कि इंदौर दूसरों के लिए हर स्तर पर मॉडल शहर माना गया है। बीते दो सालों से इंदौर को स्वच्छ सर्वेक्षण में फाइव स्टार रेटिंग से ही संतोष करना पड़ रहा था। अब इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने के साथ ही विश्व स्तरीय स्वच्छता के मामले में अव्वल आया है। इंदौर देश का पहला शहर से जो विश्वस्तरीय रेटिंग हासिल कर चुका है।

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देश के सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने वाला इंदौर अभी तक पहले स्थान पर ही बना हुआ है। इस बार उसे सेवन स्टार रेटिंग भी दी गई है। हम बता रहे हैं कि आखिर ये स्टार रेटिंग होती क्या है, और इसका उद्देश्य क्या है। 

क्या होती है स्टार रेटिंग

शहर की सफाई संबंधित वैश्विक स्तर पर शहरों के तय मापदंडों के आधार स्टार रेटिंग दी जाती है। भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ‘स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल’ वर्ष 2018 में शुरू किया गया था ताकि शहरों को कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करने के लिए एक तंत्र को संस्थागत रूप दिया जा सके और शहरों को स्थायी स्वच्छता संबंधी उच्च क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा सके। यानी 7-स्टार रेटिंग वाले शहर का मतलब होगा कि शहर 100% स्वच्छ है और उसके क्षेत्र में कचरा और कूड़े का कोई निशान नहीं है, जबकि कम रेटिंग वाले शहर का मतलब यह होगा कि शहर प्रत्येक के लिए निर्दिष्ट प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहा है। 

 

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