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Damoh SAF Jawan Murder: दो गुटों का झगड़ा सुलझाने गया था आरक्षक, बदमाशों ने उसे ही मार डाला

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दमोह के कोतवाली थाना क्षेत्र के कसाई मंडी में शुक्रवार रात एसएएफ पुलिस आरक्षक सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में प्रत्यक्षदर्शी और साथी पुलिस आरक्षक ने इस घटनाक्रम की जानकारी दी है। उसने बताया कि बदमाशों के दो गुटों में झगड़ा हुआ था। उसे ही सुलझाने गया था। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

सुरेंद्र के साथी धर्मेंद्र साहू ने बताया कि रात में चौकी पर तैनात पांचों पुलिसकर्मी खाना खा रहे थे। इसी दौरान बाहर सड़क पर कुछ लोगों का विवाद हो गया। उनके झगड़ने की आवाज सुनाई दी। बाहर गए तो वहां कुछ युवक शराब के नशे में लड़ रहे थे। उन्हें समझाइश दी गई तो आरोपियों ने पुलिस के साथ ही गाली-गलौज शुरू कर दी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्ष एक हो गए। उन्होंने मिलकर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें दोनों ओर से आरोपी पत्थर बरसाते साफ दिख रहे हैं। इसी दौरान आरक्षक की हत्या कर दी गई।

धर्मेंद्र का कहना है कि हम उन्हें समझाइश दे रहे थे, लेकिन थोड़ी देर में वे सब एक हो गए। दोनों तरफ से पत्थर आने लगे। तब किसी को कुछ समझ नहीं आया कि इतने पत्थर कहां से आ गए। हमारे कुछ साथी चौकी के अंदर आने लगे, तभी आरक्षक सुरेंद्र सिंह आरोपियों के बीच घिर गया। अचानक ही उसके सिर पर एक पत्थर लगा तो वह जमीन पर गिर गया। उन्होंने बदमाशों को डराने के लिए अपने हथियार उठाए और बाहर निकले तो बदमाश भाग गए। पास जाकर देखा तो साथी आरक्षक सुरेंद्र जमीन पर बेहोश पड़ा था। स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। सीएसपी भावना दांगी ने बताया कि इस मामले में शफीक खान, हर्ष रैकवार और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है।

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दमोह के कोतवाली थाना क्षेत्र के कसाई मंडी में शुक्रवार रात एसएएफ पुलिस आरक्षक सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में प्रत्यक्षदर्शी और साथी पुलिस आरक्षक ने इस घटनाक्रम की जानकारी दी है। उसने बताया कि बदमाशों के दो गुटों में झगड़ा हुआ था। उसे ही सुलझाने गया था। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

सुरेंद्र के साथी धर्मेंद्र साहू ने बताया कि रात में चौकी पर तैनात पांचों पुलिसकर्मी खाना खा रहे थे। इसी दौरान बाहर सड़क पर कुछ लोगों का विवाद हो गया। उनके झगड़ने की आवाज सुनाई दी। बाहर गए तो वहां कुछ युवक शराब के नशे में लड़ रहे थे। उन्हें समझाइश दी गई तो आरोपियों ने पुलिस के साथ ही गाली-गलौज शुरू कर दी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्ष एक हो गए। उन्होंने मिलकर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें दोनों ओर से आरोपी पत्थर बरसाते साफ दिख रहे हैं। इसी दौरान आरक्षक की हत्या कर दी गई।

धर्मेंद्र का कहना है कि हम उन्हें समझाइश दे रहे थे, लेकिन थोड़ी देर में वे सब एक हो गए। दोनों तरफ से पत्थर आने लगे। तब किसी को कुछ समझ नहीं आया कि इतने पत्थर कहां से आ गए। हमारे कुछ साथी चौकी के अंदर आने लगे, तभी आरक्षक सुरेंद्र सिंह आरोपियों के बीच घिर गया। अचानक ही उसके सिर पर एक पत्थर लगा तो वह जमीन पर गिर गया। उन्होंने बदमाशों को डराने के लिए अपने हथियार उठाए और बाहर निकले तो बदमाश भाग गए। पास जाकर देखा तो साथी आरक्षक सुरेंद्र जमीन पर बेहोश पड़ा था। स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। सीएसपी भावना दांगी ने बताया कि इस मामले में शफीक खान, हर्ष रैकवार और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है।

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