मध्यप्रदेश

Teachers Day: रिटायर्ड शिक्षक ने जरूरतमंद बच्चों के लिए खर्च किए पेंशन के लाखों रुपये, अब बच्चे कर रहे नाम

शाजापुर शहर के शरद नगर में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक लीलाधर पाल जरूरतमंद खिलाड़ियों और विद्यार्थियों के लिए भगवान से कम नहीं हैं। आर्थिक रूप से कमजोर किंतु होनहार विद्यार्थी और खिलाड़ियों के लिए लीलाधर पाल ने अपनी पेंशन के लाखों रुपये खर्च कर दिए। उनकी मेहनत, लगन और खर्च की बदौलत कई खिलाड़ियों ने शाजापुर का नाम देश के साथ ही विदेश तक में चमकाया है। जून में ही शाजापुर के वेटलिफ्टर विजय प्रजापति ने मैक्सिको में आयोजित यूथ वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मैडल जीतकर शाजापुर जिले और प्रदेश का नाम चमकाया।

शिक्षक लीलाधर पाल ने होनहार बच्चों को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक की बेहतर परिणाम देने वाले बच्चों को उन्होंने चांदी के सिक्के, दो पहिया वाहन के अलावा अन्य कीमती उपहार तक दिए। वहीं खुद के घर को स्कूल बनाकर बच्चों को निशुल्क पढ़ाया भी।  इसके अलावा भी उनके तैयार कई खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मेडल व अवॉर्ड जीत चुके हैं। 

 

खास बात यह भी है कि आराम करने की उम्र में रिटायर्ड शिक्षक दंपती ने समाजसेवा की अनोखी अलख जगा रखी है। शिक्षक पाल खुद वेट लिफ्टिंग, शतरंज, टेबल टेनिस आदि में राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं। ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने खिलाड़ी तैयार करने का बीड़ा उठाया। इसके लिए उन्होंने दंपती ने जीवनभर की पूंजी के रूप में सेवानिवृत्ति पर मिले लाखों रुपये खर्च कर दिए। उत्कृष्ट स्कूल शाजापुर के एक हॉल में सेवानिवृत्त शिक्षक पाल बच्चों को वेट लिफ्टिंग के गुर सिखाते हैं। यहां के जर्जर कक्ष को दुरुस्त कराने लाखों रुपये खर्च किए और जिम के ऊपर टेबल टेनिस के लिए एक हॉल भी बनाया। पाल द्वारा तैयार खिलाड़ी अब तक दो दर्जन से अधिक बार नेशनल स्तर पर प्रदर्शन कर चुके हैं। एक खिलाड़ी इंटरनेशनल स्तर पर सिल्वर जीत चुका  है।

 

शिक्षा जगत में ऐसा रहा सफर

शिक्षक पाल ने वर्ष 1973 से 2012 तक के शिक्षा विभाग में सेवा की। 31 जुलाई 2012 को शासकीय बालक मावि हरायपुरा से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए कीमती पुरस्कार भी बांटे। सबसे पहले वर्ष 2007-08 में कन्या माध्यमिक विद्यालय शाजापुर में गणित विषय में टॉपर 10 छात्राओं को 10-10 ग्राम के चांदी के सिक्के बांटे। शासकीय मावि आला उमरोद में 2009-10 में एक बच्चे को साइकिल और 10 बच्चों को चांदी के सिक्के बांटे। शासकीय मावि भरड़ में गणित में टॉपर 1 बच्चे को साइकिल और 10 बच्चों को चांदी के सिक्के बांटे। सेवानिवृति के बाद भी यह क्रम जारी है।

 

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