ग्वालियर। ग्वालियर में फर्जी मार्कशीट के जरिए शिक्षक की नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है. डबरा ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक फर्जी दस्तावजों के जरिए 9 साल से नौकरी कर रहा था. RTI के तहत मिली जानकारी में शिक्षक के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.
ग्वालियर का रहने वाला राधेश्याम शर्मा संविदा शिक्षक वर्ग-3 के रूप में शासकीय प्राथमिक विद्यालय राहुली डबरा में पदस्थ है. साल 2013 के जुलाई महीने में राधेश्याम की पोस्टिंग हुई थी. तत्कालीन जनपद पंचायत CEO के जरिए राधेश्याम की नियुक्ति हुई थी. राधेश्याम ने नियुक्ति के समय डीएड की मार्कशीट लगाई थी. मार्कशीट के तहत राधेश्याम ने साल 2010 भिंड जिले के रोशनलाल देपुरिया कॉलेज, सुरपुरा से बीएड किया था. मार्कशीट पर कॉलेज के प्राचार्य की सील और दस्तखत थे. इस फर्जीवाड़े का खुलासा ग्वालियर के RTI एक्टिविस्ट संकेत साहू ने किया.
RTI एक्टिविस्ट संकेत साहू ने डबरा थाने में शिकायत की थी. डबरा पुलिस ने संकेत के दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक राधेश्याम के खिलाफ धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तेवज तैयार करने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने भिंड के कॉलेज जाकर राधेश्याम की मार्कशीट के बारे में पूछताछ की. कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि राधेश्याम नाम के स्टूडेंट ने ना इस कॉलेज में एडमिशन लिया है और ना ही डीएड की परीक्षा यहां से पास की है. कॉलेज के नाम से बनी मार्कशीट फर्जी है. जानकारी लगने पर शिक्षक फरार हो गया.
पिछले चार साल में ग्वालियर जिले में Bed की फर्जी मार्कशीट के जरिए शिक्षक की नौकरी हासिल करने की 6 एफआईआर दर्ज हो चुकी है. लेकिन पुलिस ने एक मामले में भी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश नहीं किया है. अब SSP अमित सांघी ने कहा कि सभी मामलों की समीक्षा कर फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी की जाएगी.
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