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Swine Flu Death: शिवपुरी में स्वाइन फ्लू ने ली हजारों सुअरों की जान, खुले में पड़े शवों से खतरा

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शिवपुरी जिले में सुअरों में फैली स्वाइन फीवर की बीमारी अब ठंडे बस्ते में चली गई है। स्वाइन फीवर के कारण अब तक हजारों सुअरों की मौत हो चुकी है। जबकि पशु विभाग और नगर पालिका की संयुक्त टीम अब तक महज 216 सुअरों को ही मौत की नींद सुला सकी है। कॉलिंग किए गए 216 सुअरों के पालकों को मुआवजा भी दिया गया है। इसके बाद फिलहाल सुअरों के कॉलिंग के कार्य को रोक दिया है, जबकि अब भी बड़ी संख्या में सुअरों की मौत हो रही है, जिन्हें नगर पालिका ट्रेंचिंग ग्राउंड में फेंका जा रहा है।

गौरतलब है, शिवपुरी शहर के वार्ड क्रमांक-15 में दिसंबर महीने में अचानक से सुअरों की मौत होने लगी थी। मृत सुअरों के सैंपल भोपाल लैब में भेजे गए थे। जनवरी महीने में सुअरों में स्वाइन फीवर होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद नगरपालिका और पशु विभाग की संयुक्त टीम ने फतेहपुर क्षेत्र में सुअरों की कॉलिंग का काम शुरू कर दिया था। पशु चिकित्सक महेश त्रिवेदी ने बताया, जिस क्षेत्र में स्वाइन फीवर की पुष्टि होती है, उस क्षेत्र के एक किलो मीटर की परिधि में मिलने वाले सभी सुअरों की कॉलिंग की जाती है।

बता दें कि फतेहपुर क्षेत्र में अब तक 319 सुअरों की मौत हुई है, जिनमें से 216 सुअरों को कॉलिंग कर मारा गया है। मारे गए 216 सुअरों के पालकों को छह लाख 65 हजार रुपये के लगभग मुआवजा भी वितरित किया जा चुका है। डॉक्टर ने महेश त्रिवेदी का कहना है, 25 जनवरी के बाद से फतेहपुर क्षेत्र से कोई भी सुअर मरने की खबर नहीं आई है। इसीलिए फिलहाल इस अभियान पर विराम लगा दिया गया है।

हजारों सुअरों की हो चुकी है मौत…

भले ही नगर पालिका और पशु विभाग ने सुअरों के कॉलिंग करने का अभियान रोक दिया हो, इसके बावजूद अब भी शहर के अलग-अलग हिस्सों में सुअरों की मौत का सिलसिला जारी है। रोजाना सुअरों की हो रही है मौत का अंदाजा ट्रेंचिंग ग्राउंड में खुले में पड़े मृत सुअरों को देखकर लगाया जा सकता है। अब तक हजारों सुअरों की मौत हो चुकी है, जिनके पालकों को कोई भी आर्थिक मदद भी नहीं मिली है। इसके बावजूद अब भी सुअरों की मौत का सिलसिला जारी है।

पशु चिकित्सक महेश त्रिवेदी का कहना है, अगर अन्य क्षेत्र में सुअरों की मौत अज्ञात बीमारी के चलते हो रही है तो एक फिर उन सुअरों के सैंपल भोपाल लैब टेस्टिंग के लिए भेजने होंगे। अगर रिपोर्ट में स्वाइन फीवर की पुष्टि होती है तो सुअरों की कॉलिंग करने का अभियान फिर से शुरू किया जाएगा। लेकिन 25 जनवरी से अब तक सुअरों के मरने की सूचना नहीं प्राप्त हुई है।

सीएमओ ने माना अब भी हो रही है सुअरों की मौत…

नगर पालिका सीएमओ केशव सिंह सगर का कहना है, सुअरों की बीच-बीच में मौत की सूचना मिलती रहती है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सुअरों की मौत नहीं हो रही। पशु विभाग को इस संदर्भ में अपने रुके हुए कदम आगे बढ़ाने चाहिए, साथ ही ट्रेंचिंग ग्राउंड में मृत सुअरों को गड्ढे खुदवाकर गढ़वाने का काम लगातार किया जा रहा है। वहीं, पशु विभाग इस बात का इंतजार कर रहा है कि कोई उनके पास शिकायत लेकर पहुंचे। इस बीच सुअरों की मौत होना अब भी जारी है।

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