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MP News: बड़छड़ में युवक की संदिग्ध मौत, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग, समझाइश के बाद आंदोलन खत्म

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मानपुर जनपद क्षेत्र के ग्राम बड़छड़ में युवक की संदिग्ध मौत को लेकर चल रहा आंदोलन पुलिस की समझाईश के बाद अंतत: समाप्त हो गया। हालांकि इसके लिए प्रशासन के अधिकारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने मृतक के परिजनों आश्वासन दिया कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट तथा जांच के बाद दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जाएगा। तब जाकर मामला शांत हुआ और युवक का अंतिम संस्कार किया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सुखसेन पिता स्व. गोविंद जायसवाल निवासी ग्राम बड़छड़ (25) की अचानक तबियत बिगड़ी। जिस पर युवक को कटनी जिले के बरही ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिवार के लोगों ने गांव के कमलेश जायसवाल और ज्ञानी चौधरी पर सुखसेन को शराब में जहर मिला कर मारने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं वे मृतक का शव पुलिस चौकी ले आये और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

घटना की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर कृष्णदेव त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा के निर्देश पर एएसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया, एसडीएम नेहा सोनी एवं एसडीओ जितेन्द्र जाट मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जायेगा। रिपोर्ट जरा भी संदिग्ध आने पर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस पर ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त किया और युवक का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गए।

मृतक के संबंधियों ने इस संबंध में बताया कि एक सड़क दुर्घटना के बाद सुखसेन जायसवाल की दिमागी हालत खराब थी, जिसका फायदा उठा कर कमलेश जायसवाल और ज्ञानी चौधरी ने उमरिया में चोरी छिपे जमीन की रजिस्ट्री करा ली। उनका आरोप है कि मृतक को महज 10 डिसमिल जमीन खरीदने की बात बताई गई। पहली रजिस्ट्री 10 अक्टूबर तथा दूसरी रजिस्ट्री 10 दिसंबर 2022 को कराई गई। इसी तरह तीसरी बार 4 जनवरी को भी एक रजिस्ट्री करा कर करीब 93 डिसमिल जमीन आरोपियों ने अपने नाम करा ली। इसकी भनक परिवार के लोगों को तब लगी जब मृतक का चचेरा भाई जमीन पर पिलर खोदने लगा, जिस पर कमलेश और ज्ञानी ने रजिस्ट्री दिखा कर स्टे लगवा दिया। जब रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर पता किया तो पूरे मामले का खुलासा हो गया।

मां को बताया फौत, बाकी हिस्सेदारों को भी भनक नहीं

मृतक के परिजनों के अनुसार भूमि के पांच मालिक हैं। क्रेताओं ने कूटरचना कर रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से मां को फौत बता कर मात्र सुखसेन की दस्तखत से भूमि का पंजीयन करा लिया।

शराब में मिला कर पिला दिया जहर

बताया जा रहा है कि जमीन की रजिस्ट्री कुल पांच लोगों ने कराई है। जब मामले का खुलासा हुआ तो आरोपियों ने सुखसेन को मौत की नींद सुलाने की साजिश रच दी। बीते 13 जनवरी को मृतक रोड पर खड़ा था, तभी कमलेश और ज्ञानी आये और उसे अपने साथ ले गये। बताया जा रहा है कि इसी दौरान शराब में जहर मिला कर उसे पिला दिया गया। इस बात की जानकारी अस्पताल ले जाते समय मृतक ने अपने परिजनों को दी थी।

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