पूरन चंदेल, पुष्पराजगढ़। ये पुष्पराजगढ़ का साहब, यहां कार्रवाई के नाम पर सेटिंग की रफ्तार ज्यादा है. सांठगांठ हावी है. विभाग के कलम की स्याही कार्रवाई के नाम पर सूख पड़ी है. जिम्मेदार कोताही पर एक्शन लेने की जगह करता रहे हैं. यूं कहें कि अब सांठगांठ की बू आ रही है. ऐसा इसलिए हम कह रहे हैं कि अधीक्षिका ज्योति सिंह धुर्वे छात्रावास में अपने पालतू कुत्ते को मासूम छात्राओं के लिए खुला छोड़ रखी है. जो मासूम आदिवासी छात्राओं को दौड़ा-दौड़ाकर काट रहा है. हैरानी की बात तो ये है कि जिले के बड़े साहब सहायक आयुक्त (AC) विजय डेहरिया जांच करने जाते हैं, वहां से लौटते हैं और कार्रवाई के नाम पर झुनझुना थमा देते हैं.
इलाज तक नहीं कराई अधीक्षिका ?
दरअसल, ये पूरा मामला जनवरी का है, जब लगातार अधीक्षिका ज्योति सिंह धुर्वे के कुत्ते ने बीस दिनों में 9 छात्राओं को जख्मी कर दिया. इससे भी शर्म की बात ये है कि अधीक्षिका का दिल नहीं पसीजा और उनको इलाज के लिए अस्पताल भी नहीं लेकर गई. बच्चे ऐसे ही तड़पते रहे. जब अभिभावक पहुंचे, तो बच्चों को अस्पताल लेकर गए. फिर मासूमों का इलाज कराए.
क्या हो गई सांठगांठ ?
राजेंद्रग्राम के बसनिहा स्थित छात्रावास में अधीक्षिका ज्योति सिंह धुर्वे का कुत्ता ही मासूमों के लिए काल बन गया. 9 छात्राओं को काट डाला, जिससे बच्चे लहूलुहान हो गए थे, लेकिन ताज्जुब यह है कि अभी तक उस अधीक्षिका पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. बल्कि भीतरखाने से ये खबर है कि सांठगांठ हो गई है, जिससे कार्रवाई के नाम पर गुरेज खा रहे हैं.
डस्टबीन में गया कारण बताओ नोटिस ?
बसनिहा छात्रावास में लापरवाह अधीक्षिका ज्योति सिंह धुर्वे मामले में MP-CG टाइम्स ने प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया था, जिसके बाद जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त (AC) विजय डहरिया ने MP-CG टाइम्स से बातचीत में कहा था कि मैं खुद निरीक्षण में गया था, इस लापरवाही को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो कार्रवाई की जाएगी.
रिश्तेदारी निभाते हैं जिम्मेदार– सूत्र
सूत्र बताते हैं कि एक बड़े औधे के अधिकारी कार्रवाई के नाम पर रिश्तेदारी निभाते हैं, जिससे छात्रावासों का हाल बेहाल है. हॉस्टल में बच्चियों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता, जिससे छात्रावासों के जिम्मेदार मनमानी करते हैं.
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