स्लाइडर

Politics: सीतारमण बोलीं- कांग्रेस के जमाने में मुर्दों को मिलता था पैसा, PM मोदी ने DBT से बचाए दो लाख करोड़

ख़बर सुनें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भोपाल दौरे पर रहीं। वे यहां 21वीं सदी के वैश्विक परिदृश्य में भारत का आर्थिक सामर्थ्य विषय पर रविंद्र भवन में आयोजित प्रोग्राम में शामिल होने आई थीं। यहां संबोधन के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, कांग्रेस के समय में जो लोग मर गए या जिनका जन्म नहीं हुआ, उनको भी पैसा मिलता था।

इस दौरान सीतारमण ने शिवराज सिंह चौहान को यशस्वी और वेरी पॉपुलर चीफ मिनिस्टर कहकर संबोधित किया। निर्मला ने कहा, जब भी मुझे हिंदी भाषी राज्यों में बोलने का आमंत्रण मिलता है, मैं थोड़ा संकोच करती हूं। मेरी हिंदी और व्याकरण थोड़ी कमजोर है। मैं गंभीरता से कह रही हूं कि एक राष्ट्र ऋषि जैसे दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की स्मृति में आयोजित व्याख्यान में मुझे बुलाया गया, उसके लिए मैं धन्यवाद देती हूं। ब्रिटिश जमाने में एक संगठन के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। संगठन खड़ा करना और उसे आइडियो लॉजिकल शक्ति के साथ खड़ा रखना सामान्य बात नहीं है। उस समय जो सरकार थी, उसकी आइडियोलॉजी अलग थी। इसके बाद भी दत्तोपंत जी ने अपनी विचारधारा के मुताबिक संगठन बनाया।

सीतारमण एयरपोर्ट से सीधे सीएम हाउस पहुंचीं…
भोपाल पहुंचने के बाद सीतारमण एयरपोर्ट से सीधे सीएम हाउस पहुंचीं। यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। करीब एक घंटे तक सीएम हाउस में रुकने के बाद वे मंत्रालय पहुंचीं और अफसरों के साथ बैठक की। मंत्रालय में सीएम शिवराज सिंह चौहान, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की मौजूदगी में वित्त विभाग के अफसरों ने उनके सामने मप्र की वित्तीय स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा, दत्तोपंत जी ने सत्ता के विरुद्ध खड़े होकर अपनी विचारधारा के अनुसार संगठन की नींव रखी। आज हम देख रहे हैं, उस समय उनका वैचारिक दृष्टिकोण मजबूत था। भारतीय मजदूर संघ जब बना तब कम्युनिस्ट कैंप को ही लेबर का संगठन माना जाता था। उस समय कम्युनिस्ट लोग ही बात करते थे। मजदूरों की बात रखने वाला कोई दूसरा संगठन नहीं था।

उन्होंने कहा, साल 1955 में दत्तोपंत जी ने भारतीय मजदूर संघ बनाया। साल 1985 में भारतीय मजदूर संघ को चीन से आमंत्रण मिला। उन्होंने पहचाना कि शायद दुनिया में मजदूरों का सबसे बड़ा संगठन भारतीय मजदूर संघ है। चीन और रूस से पैसे लेकर कम्युनिस्ट संगठन अपने लोगों को सपोर्ट करते थे। 30 साल में कोई विदेशी सहयोग न लेते हुए भारतीय मजदूर संघ ने अपना वर्चस्व बना लिया।

‘मैं चकित रह गई’
सीतारमण ने कहा, जब मैंने पहली बार उनको सुना मैं चकित रह गई। उन नारों में सिर्फ एक कॉमा बदला वो नारा था, ट्रेड यूनियन का नारा था, वर्कर्स ऑफ द वर्ल्ड यूनाइट। यानी मजदूरों एकत्रित हो जाओ। कार्ल्स मार्क्स के नारे को ट्रेड यूनियन ने अपनाया। हमारे दत्तोपंत जी ने बोला, हमें सहयोग और समन्वय के साथ एक जुट होना चाहिए। विदेशी सहयोग और नारों के आधार पर हम आगे बढ़ने के बजाय संगठित हो जाओ। उस समय सिर्फ अकेले भारतीय मजदूर संघ ही नहीं भारतीय अधिवक्ता परिषद और ग्राहक पंचायत भी दत्तोपंत जी की देन है।

‘जो राज किए, उन्हें छोड़ दो’
सीतारमण ने कहा, जिन्होंने हमारे ऊपर राज किया, उसे छोड़ दो। हमारी आजादी के 100 बाद यानी 2047 में डेवलप नेशन होने के लिए मानसिकता होनी चाहिए। ये काम पीएम नरेन्द्र मोदी ने पंच प्रण में किया है। हमारी विरासत को याद करो, ताकि हम आत्मविश्वास के साथ आत्मनिर्भर बन सकें। पिछले सात-आठ साल में भारत की ब्रांड इमेज बनाने वाले ऋषि मिलते हैं। हर देश में 21 जून को योगा दिवस उत्साह से मनाते हैं। साल 2023 में जी-20 के आयोजन की मेजबानी भारत कर रहा है। सभी देशों के राजदूतों की ट्रिप अंडमान तक कराई। सब एक खुले स्थान पर एकत्रित हुए और राजदूतों ने योग किया। योग को पिछले सात-आठ साल में दुनिया भर में मान्यता मिली। ये नहीं कह रही हूं कि पहले लोग योग नहीं करते थे लेकिन योग को उत्साह पूर्वक स्थान इन सात-आठ सालों में मिला है।
   

विस्तार

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भोपाल दौरे पर रहीं। वे यहां 21वीं सदी के वैश्विक परिदृश्य में भारत का आर्थिक सामर्थ्य विषय पर रविंद्र भवन में आयोजित प्रोग्राम में शामिल होने आई थीं। यहां संबोधन के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, कांग्रेस के समय में जो लोग मर गए या जिनका जन्म नहीं हुआ, उनको भी पैसा मिलता था।

इस दौरान सीतारमण ने शिवराज सिंह चौहान को यशस्वी और वेरी पॉपुलर चीफ मिनिस्टर कहकर संबोधित किया। निर्मला ने कहा, जब भी मुझे हिंदी भाषी राज्यों में बोलने का आमंत्रण मिलता है, मैं थोड़ा संकोच करती हूं। मेरी हिंदी और व्याकरण थोड़ी कमजोर है। मैं गंभीरता से कह रही हूं कि एक राष्ट्र ऋषि जैसे दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की स्मृति में आयोजित व्याख्यान में मुझे बुलाया गया, उसके लिए मैं धन्यवाद देती हूं। ब्रिटिश जमाने में एक संगठन के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। संगठन खड़ा करना और उसे आइडियो लॉजिकल शक्ति के साथ खड़ा रखना सामान्य बात नहीं है। उस समय जो सरकार थी, उसकी आइडियोलॉजी अलग थी। इसके बाद भी दत्तोपंत जी ने अपनी विचारधारा के मुताबिक संगठन बनाया।

सीतारमण एयरपोर्ट से सीधे सीएम हाउस पहुंचीं…

भोपाल पहुंचने के बाद सीतारमण एयरपोर्ट से सीधे सीएम हाउस पहुंचीं। यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। करीब एक घंटे तक सीएम हाउस में रुकने के बाद वे मंत्रालय पहुंचीं और अफसरों के साथ बैठक की। मंत्रालय में सीएम शिवराज सिंह चौहान, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की मौजूदगी में वित्त विभाग के अफसरों ने उनके सामने मप्र की वित्तीय स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा, दत्तोपंत जी ने सत्ता के विरुद्ध खड़े होकर अपनी विचारधारा के अनुसार संगठन की नींव रखी। आज हम देख रहे हैं, उस समय उनका वैचारिक दृष्टिकोण मजबूत था। भारतीय मजदूर संघ जब बना तब कम्युनिस्ट कैंप को ही लेबर का संगठन माना जाता था। उस समय कम्युनिस्ट लोग ही बात करते थे। मजदूरों की बात रखने वाला कोई दूसरा संगठन नहीं था।

उन्होंने कहा, साल 1955 में दत्तोपंत जी ने भारतीय मजदूर संघ बनाया। साल 1985 में भारतीय मजदूर संघ को चीन से आमंत्रण मिला। उन्होंने पहचाना कि शायद दुनिया में मजदूरों का सबसे बड़ा संगठन भारतीय मजदूर संघ है। चीन और रूस से पैसे लेकर कम्युनिस्ट संगठन अपने लोगों को सपोर्ट करते थे। 30 साल में कोई विदेशी सहयोग न लेते हुए भारतीय मजदूर संघ ने अपना वर्चस्व बना लिया।

‘मैं चकित रह गई’

सीतारमण ने कहा, जब मैंने पहली बार उनको सुना मैं चकित रह गई। उन नारों में सिर्फ एक कॉमा बदला वो नारा था, ट्रेड यूनियन का नारा था, वर्कर्स ऑफ द वर्ल्ड यूनाइट। यानी मजदूरों एकत्रित हो जाओ। कार्ल्स मार्क्स के नारे को ट्रेड यूनियन ने अपनाया। हमारे दत्तोपंत जी ने बोला, हमें सहयोग और समन्वय के साथ एक जुट होना चाहिए। विदेशी सहयोग और नारों के आधार पर हम आगे बढ़ने के बजाय संगठित हो जाओ। उस समय सिर्फ अकेले भारतीय मजदूर संघ ही नहीं भारतीय अधिवक्ता परिषद और ग्राहक पंचायत भी दत्तोपंत जी की देन है।

‘जो राज किए, उन्हें छोड़ दो’

सीतारमण ने कहा, जिन्होंने हमारे ऊपर राज किया, उसे छोड़ दो। हमारी आजादी के 100 बाद यानी 2047 में डेवलप नेशन होने के लिए मानसिकता होनी चाहिए। ये काम पीएम नरेन्द्र मोदी ने पंच प्रण में किया है। हमारी विरासत को याद करो, ताकि हम आत्मविश्वास के साथ आत्मनिर्भर बन सकें। पिछले सात-आठ साल में भारत की ब्रांड इमेज बनाने वाले ऋषि मिलते हैं। हर देश में 21 जून को योगा दिवस उत्साह से मनाते हैं। साल 2023 में जी-20 के आयोजन की मेजबानी भारत कर रहा है। सभी देशों के राजदूतों की ट्रिप अंडमान तक कराई। सब एक खुले स्थान पर एकत्रित हुए और राजदूतों ने योग किया। योग को पिछले सात-आठ साल में दुनिया भर में मान्यता मिली। ये नहीं कह रही हूं कि पहले लोग योग नहीं करते थे लेकिन योग को उत्साह पूर्वक स्थान इन सात-आठ सालों में मिला है।

   

Source link

Show More
Back to top button