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Korba: नाली से निकलने वाली गैस पर चाय बना आए थे चर्चा में, PM मोदी भी कर चुके तारीफ, अब न्याय के लिए भटक रहे

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छत्तीसगढ़ में रायपुर के रहने वाले श्यामराव शिर्के। कभी नाली से निकलने वाली गैस पर चार्य बनाकर सुर्खियों में आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी खूब तारीफ की थी। अब वही श्यामराव न्याय की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। श्यामराव शनिवार को कोरबा पहुंचे और तानसेन चौक पर आमरण अनशन पर बैठ गए। आरोप है कि कुछ लोगों ने उनकी जमीन पर नौ साल से कब्जा कर रखा है। वह उसे पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे, पर सुनवाई नहीं हो रही है। फिलहाल पुलिस ने देर रात उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया है। 

दरअसल, श्यामराव शिर्के शनिवार दोपहर कोरबा के कलेक्ट्रेट के पास स्थित तानसेन चौक पर बैठे थे। लोगों ने देख तो पता चला कि आमरण अनशन पर हैं। श्यामराव ने बताया कि राजधानी से करीब 200 किमी दूर कोरबा में उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। इसके लिए वह सारे प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें जमीन नहीं मिली है। उनकी 26 वर्ग फीट की जमीन चिमनी भट्टा के पास है। श्यामराव का कहना है कि उन्होंने इस जमीन को साल 1985 में खरीदा था। उस समय वे कोरबा में ही रहा करते थे। 

श्यामराव बताते हैं कि अभी वह रायपुर के चंगोराभाठा में रहते हैं। जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर इसकी शिकायत पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके मंत्रियों, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कलेक्टर के जनदर्शन में आकर कई बार कर चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके चलते परेशान होकर अब आमरण अनशन पर हैं। उनका कहना है कि फर्जी दस्तावेज बनाकर उनकी जमीन को कई बार बेचा जा चुका है। अफसरों से उन्होंने जमीन का रिकार्ड निकलवाने के लिए कहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं।  

वहीं शाम को अफसरों को श्यामराव के अनशन पर होने की जानकारी मिली तो पुलिस पहुंच गई। उनकी हालत देखकर पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। श्यामराव वहां भी वार्ड के बाहर प्रदर्शन करने लगे। यह देखकर पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझाया और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद देर रात उन्होंने प्रदर्शन खत्म किया। फिलहाल श्यामराव ने कहा है कि जमीन उनकी है। उनमें सच्चाई है और वह अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे। अपनी जमीन पाने के लिए वह पीछे नहीं हटेंगे। उनक पास यही एक संपत्ति है।  

श्यामराव शिर्के पेशे से मैकेनिकल कॉन्ट्रेक्टर हैं और 11वीं तक पढ़े हैं। उन्होंने नाली के गंदे पानी से रसोई गैस की खोज की। इसके जरिए उन्होंने बकायदा छह माह तक इसी गैस पर चाय बनाकर लोगों को पिलाई। हालांकि श्यामराव चर्चा में पहली बार तब आए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में उनका नाम लिया। श्यामराव बताते हैं कि उनके उपकरण का पेटेंट भी हो चुका है। भारत सरकार की ओर से देश में बनने वाली स्मार्ट सिटी में उनके उपकरण लगाने की बात कही गई है। कोविड के चलते इसमें थोड़ी देर हो रही है। 

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