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कमिश्नर साहब का हादसे को दावत: क्षतिग्रस्त किरर घाट से सरकारी बंदिशों को रौंदते दौड़ रहीं अफसरों की गाड़ियां, सरकारी नुमाइंदे ही बंदिशों को दिखा रहे ठेंगा, विधायक बोले…

जब कमिश्नर की गाड़ी आ सकती है तो आम जनता के लिए भी सड़क खोला जाए- विधायक फुंददेलाल

शैलेंद्र विश्कर्मा, अनूपपुर: किरर घाट अपनी बदहाली की आंसू बहा रहा है. महीनों बीत गए, लेकिन घाट हो कि बन सके. एक तो कछुए की चाल में निर्माण कार्य और दूसरी अफसरों की नाकामी सीधे जनता की जेब खाली कर रही है, लेकिन सरकारी अफसरों को इसकी कोई चिंता नहीं है. अफसरों का क्या है क्षतिग्रस्त मार्ग से भी उनकी गाड़ी निकल रही है, उनके लिए कोई रोक टोक नहीं है. ये नियम कायदे सिर्फ आम लोगों के लिए है. क्षतिग्रस्त मार्ग से लगा है अफसरों की यारी हो गई है, जो उनको हादसे का खतरा नहीं है. क्षतिग्रस्त किरर घाट से बेखौफ अफसरों की गाड़ी दौड़ रही है. सरकारी बंदिशों को सरकार के नुमाइंदे ही ठेंगा दिखा रहे हैं. आम जनता को रोजाना सैकड़ों रुपये खर्च कर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है, वहां भी अपनी जान हथेली पर रख यात्री सफर करने को मजबूर हैं. इस पर पुष्पराजगढ़ विधायक फुंददेलाल ने कहा कि जब कमिश्नर साहब की गाड़ी निकल सकती है, तो आम जनता के लिए भी रास्ता को खोला जा सकता है.

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दरअसल, शुक्रवार को शहडोल संभाग कमिश्नर राजीव शर्मा शहडोल-अमरकंटक मार्ग पर किरर घाट में छतिग्रस्त सड़क का निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने कार्य की प्रगति के संबंध में निर्माण एजेंसी के प्रबंधक से विस्तृत जानकारी ली. इस दौरान कमिश्नर ने निर्देश दिए कि किरर घाट में क्षतिग्रस्त सड़क के मरम्मत का कार्य तेजी से पूर्ण कराया जाए. मरम्मत का कार्य 15 दिसंबर तक हर हाल में पूर्ण कराया जाए.  निरीक्षण के दौरान पुष्पराजगढ़ एसडीएम अभिषेक चौधरी भी उपस्थित रहे.

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अब सवाल ये है कि शहडोल संभाग कमिश्नर राजीव शर्मा को निरीक्षण के बाद अमरकंटक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाना था. अब अगर जैतहरी तरफ से जाते हैं, तो उनको काफी लंब वक्त लग जाता. और अगर कमिश्नर साहब बैहार घाट से जाते तो लेट हो जाते. उनको निरीक्षण भी करना था और कार्यक्रम में भी पहुंचना था. अगर कमिश्नर साहब जैतहरी मार्ग से जाते तो उनको आम जनता की तकलीफें नजर आती तो लापरवाह ठेकेदार को भी फटकार लगाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. साहब तो साहब ठहरे वही नियम बनाते हैं और वही उन नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं. साहब को अमरकंटक पहुंचना अनिवार्य था फिर क्या विधायक फुंददेलाल के बताए मुताबिक क्षतिग्रस्त किरर घाट से शॉर्ट कट अपना लिए.

 

इस मामले में पुष्पराजगढ़ विधानसभा के विधायक फुंददेलाल ने कहा कि शहडोल कमिश्नर शुक्रवार को खुद छतिग्रस्त मार्ग किरर घाट से सबसे पहले अपनी गाड़ी निकाले हैं. इससे हमे लगता है कि अब आम जनता को लाभ मिले. जिला और संभाग की गाड़ियां लगातार निकल रही हैं. कमिश्नर के साथ उनकी सह गाड़ियां भी निकली हैं. जिस तरह से एमपी आरडीसी ने लिखकर के दिया है कि 15 दिसंबर तक मार्ग चालू हो जाएगा, जब सरकारी गाड़ियां बेधड़क निकल रही हैं, तो अब आम पब्लिक के लिए भी रास्ता खोल देना चाहिए.

सवाल ये भी है कि अगर कमिश्नर की गाड़ी किरर घाट से आ जा सकती है, तो क्या बाइक और छोटी गाड़ियां आम जनता की नहीं आ जा सकती. क्या सरकारी अफसरों को कलेक्टर मैडम के बनाए नियमों का एक रत्ती गुरेज नहीं है, जो मनमानी तरीके से सरकारी बंदिशों को रौंदते गाड़ी निकाल रहे हैं. क्या सरकारी अफसरों को हादसे का खतरा नहीं है, क्या सरकारी अफसरों की हादसे से यारी हो गई है, जो मन में खौफ नहीं है. अगर ऐसा नहीं है तो क्या सड़क पूरी हो गई है. अगर हो गई है तो क्यों लोगों को नहीं जाने दिया जा रहा है. सिर्फ अफसरों को ही एंट्री है.

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