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Sehore Weather: ओलावृष्टि ने मचाई तबाही, गेहूं-चना की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान, निरीक्षण में जुटा राजस्व अमला

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सीहोर में पिछले एक सप्ताह से आसमान में छाए घने, मध्यम आकार के बादल आखिरकार शनिवार की शाम बरस ही पड़े। रविवार की दरम्यानी रात तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में कटने के लिए पककर तैयार हो चुकी गेहूं, चने की फसलों को काफी पहुंचा है। नुकसान का जायजा लेने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारी ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर खेतों में हुए नुकसान का जायजा लिया।

वहीं, जनप्रतिनिधि और राजनैतिक नेताओं ने जिले में हुई ओलावृष्टि के चलते फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराकर पीड़ित किसानों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की हैं। पीड़ित किसान अब कलेक्ट्रेट पहुंचकर फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं।

बेर के आकार के ओलों ने मचाई तबाही

सीहोर तहसील सहित इछावर के ग्राम खेरी, जामली, मोयापानी, सुआखेड़ी, निपानिया और सेवनिया में जहां चने के आकार के ओलों ने खेतों में खड़ी पक चुकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया। वहीं, सीहोर तहसील के ही कई ग्रामों में बेर के आकार के ओले गिरने से या फसल टूट कर गिर गई। वहीं, कुछ खेतों में काटकर रखी गई गेहूं की फसल भीगने से अपनी चमक खो बैठी है । ऐसे में किसानों को अब अपनी उपज का उचित मूल्य मिलना मुश्किल लग रहा है। वहीं, खेतों में पकने की कगार पर पहुंच चुकी गेहूं की फसल तेज हवाओं के चलते गिर गई, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया।

सक्रिय हुआ राजस्व अमला

रविवार की रात जिलेभर में तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला शुरू होने और अनेक स्थानों पर ओलावृष्टि की खबरें मिलने के बाद कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। कलेक्टर के निर्देश के बाद तहसीलदार, नायाब तहसीलदार, गिरदावर और पटवारी आदि कर्मचारी ओला प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर नष्ट हुई फसलों का सर्वे करते हुए नुकसान का जायजा भी ले रहे हैं। सभी अधिकारी खेतों में पहुंचकर फसलों का निरीक्षण कर रहे हैं, तथा किसानों से चर्चा कर वर्षा के कारण हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं। जिले में गेहूं, चना और मसूर की फसल लगी है। अनेक किसानों द्वारा फसलों के पकने पर कटाई का कार्य भी किया जा रहा है। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में खेतों में जाकर फसलों का निरीक्षण करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को नुकसान का सही ढंग से आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

22 मार्च तक ऐसे ही रहेगा मौसम

आरएके कालेज स्थित मौसम केंद्र के तकनीकी अधिकारी डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि आने वाले तीन दिनों तक आसमान में घने, मध्यम आकार के बादल छाए रहेंगे तथा हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिम से बनी रहेगी । तेज हवाओं के चलते खेतों में खड़ी फसलों के गिरने की आशंका बनी रहेगी। अपनी फसलों को सुरक्षित बनाए रखने के लिए आवश्यक सावधानी बरते । इस दौरान हवाओं की गति 8.5 से 11.5 किलोमीटर रहने का अनुमान हैं। इस दौरान जिले के अनेक क्षेत्रों में कहीं हल्की तो कही गरज, चमक के साथ तेज बौछार युक्त बारिश होने का अनुमान भी मिल रहा हैं। कहीं-कहीं मध्यम तो कही भारी ओलावृष्टि की आशंका हैं।

फसलों की सुरक्षा के करें इंतजाम

डॉ. तोमर ने किसानों को सलाह दी है कि अधिकांश किसान अपने खेतों में फसलों की कटाई करने में जुटे हुए हैं, वहीं, अनेक स्थानों पर किसान फसलों की कटाई से फुर्सत भी हो चुके हैं, लेकिन जो किसान फसल की कटाई से निपट चुके हैं, उनकी फसलें खुले आसमान के नीचे खेतों में रखी होने से बारिश से भीगने का खतरा भी बना हुआ हैं, ऐसे में किसान जल्द से जल्द खेतों में पड़ी फसल को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए।

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