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Sehore: कड़ी मेहनत से हासिल की 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप, छात्र प्रखर का न्यूयॉर्क की यूनिवर्सिटी में हुआ दाखिला

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सीहोर में बारहवीं कक्षा के छात्र प्रखर पारे इथाका कॉलेज न्यूयॉर्क में नेक्स्ट जीनियस टेस्ट पास कर 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप विजेता बने। यह स्कॉलरशिप जीतकर पारे ने अपने स्कूल, परिवार और सीहोर को गौरवान्वित किया है। सीहोर के ग्लोबल इंस्टिट्यूट के संचालक अजीम ने बताया कि पूरे भारत में हर साल केवल एक छात्र को इथाका कॉलेज के लिए 2.2 करोड़ रुपये से अधिक की यह छात्रवृत्ति मिलती है।

प्रखर ने बताया कि वह तीन स्तरों पर स्कॉलरशिप के टेस्ट में शामिल हुए। इनमें एक रिटन टेस्ट, पर्सनल इंटरव्यू और तीसरा ग्रुप इंटरव्यू शामिल था। नेक्स्ट जीनियस स्कॉलरशिप प्रोग्राम में 20 कॉलेज हैं। प्रत्येक कॉलेज से केवल एक छात्र को 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप मिलती है। बाकी को आंशिक स्कॉलरशिप मिलती है। इथाका कॉलेज न्यूयॉर्क से 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप प्राप्त करने के बाद भी प्रखर ने ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी में 2028 की कक्षा में कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक माइनर का अध्ययन करना चुना है।

इन विश्वविद्यालयों में भी मिली स्कॉलरशिप

प्रखर को कई और यूनिवर्सिटीज में भी प्रवेश के साथ स्कॉलरशिप प्राप्त हुई हैं। इनमें ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी 1.33 करोड़ रुपये, यूनिवर्सिटी ऑफ डेनवर 1.46 करोड़ रुपये, ओहायो यूनिवर्सिटी 1.25 करोड़ रुपये, विथवर्थ यूनिवर्सिटी एक करोड़ रुपये, सेंट लूईस यूनिवर्सिटी 90 लाख रुपये, डेपूअल यूनिवर्सिटी 82 लाख रुपये और इंडियाना यूनिवर्सिटी 33 लाख रुपये मिलना शामिल है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर बनने का है सपना

प्रखर का एआई इंजीनियिर बनने का सपना है। विदेशी विश्वविद्यालयों में उनका चयन होना अपने आप में एक गर्व की बात है। एक मध्यम वर्गीय परिवार से होने के कारण उनके माता-पिता के लिए अमेरिकी कॉलेजों द्वारा आवश्यक परीक्षणों के अध्ययन के लिए उसकी कोचिंग के लिए भुगतान करना महंगा है। उन्होंने बिना कोचिंग संस्थानों की मदद लिए अध्ययन किया और सभी परीक्षाएं पास की।

अपने पिता और शिक्षक को दिया सफलता का श्रेय

प्रखर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता अजय पारे को दिया है। प्रखर ने कहा कि उनके पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया। उनके कोचिंग शिक्षक जिन्होंने हमेशा एक दोस्त के रूप में उनकी मदद की। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने पिछले तीन वर्षों में कड़ी मेहनत की।

उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई भी विद्यार्थी अमेरिका जाकर पढ़ना चाहता है। वहां पढ़ने के बारे में अधिक जानना चाहता है तो वे मुझसे व्यक्तिगत रूप से या इंस्टाग्राम के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। वह उनकी मदद करने के लिए हमेशा उपस्थित रहेंगे।

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