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Sehore: बोरवेल खुला छोड़ने वालों पर धारा 144 के तहत होगी कार्रवाई, सीहोर कलेक्टर का आदेश

सीहोर कलेक्टर ने खुले बोरवेल छोड़ने वालों पर सख्ती का मन बनाया है।

सीहोर कलेक्टर ने खुले बोरवेल छोड़ने वालों पर सख्ती का मन बनाया है।
– फोटो : सोशल मीडिया

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विदिशा जिले के लटेरी गांव में आठ वर्षीय लोकेश की बोरवेल में गिरने से मौत हो गई। 24 घंटे से ज्यादा चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। इस मामले के बाद सीहोर में भी खुला बोरवेल छोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की कलेक्टर ने आदेश जारी किए हैं।

मध्यप्रदेश में खुले छोड़े जा रहे बोरवेल के गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। लंबे समय से बच्चों के बोरवेल में गिरने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।  दुर्घटनाओं एवं जनहानि को रोकने के लिए सीहोर जिले के कलेक्टर प्रवीण सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए हैं। 

कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा जारी आदेश अनुसार बोर खनन करते समय भूमि स्वामी एवं बोर खननकर्ता किसी भी स्थिति मे बोरवेल को खुला नहीं छोडे़ंगे। बोरबेल में पानी नहीं होने तथा उपयोग में नहीं लाए जाने वाले बोरवेल को लोहे की प्लेट, सीमेंट या मजबूत केप से बंद करके रखने के आदेश दिए हैं। खाली बोरवेल को चारों तरफ से फेंसिंग कराना अनिवार्य होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बोरवेल का मुंह खुला पाए जाने की सूचना आमजन संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दंडाधिकारी, कार्यपालिक दंडाधिकारी, थाना प्रभारी अथवा व्हाट्सएप के माध्यम से खुले बोर के फोटोग्राफ एवं स्थान की जानकारी मोबाइल नंबर 9303628757 पर दे सकते हैं। सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।

 

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