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MP के घुम्मक्कड़ बाघ की सीक्रेट कहानी: अनूपपुर के किस इलाके में डेरा जमाए बैठा है टाइगर, रात में ग्रामीणों का निकलना मुश्किल ?

Secret story of the wandering tiger of MP: अनूपपुर जिले के वन परिक्षेत्र अमरकंटक के मेढ़ाखार गांव में दो दिनों से बाघ डेरा जमाए हुए है, जो हर कुछ घंटों में शिकार किए गए भैंसे का मांस खाने आ रहा है।बाघ के लगातार विचरण करने से वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ बाघ की निगरानी कर रहे हैं।

Secret story of the wandering tiger of MP: ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। इस दौरान बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं। वन परिक्षेत्र अमरकंटक के डोनिया-बिजोरी गांव के बीच कुछ राहगीरों ने बाघ देखा था, जिसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था।

Secret story of the wandering tiger of MP: वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी रातभर गश्त कर निगरानी कर रहे थे, तभी सोमवार की सुबह ग्राम पंचायत लपटी के मेढ़ाखार गांव में बाघ ईश्वर नायक की तीन वर्षीय भैंसे पर हमला कर उसे खा रहा था।

Secret story of the wandering tiger of MP: मंगलवार की शाम पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को भी मेढ़ाखार पहुंचे और बाघ के विचरण क्षेत्र का दौरा किया। ग्रामीणों को बाघ से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई तथा लोगों को रात में अकेले न घूमने की सलाह दी गई।

Secret story of the wandering tiger of MP: इस दौरान शहडोल वृत्त के मुख्य वन संरक्षक अजय कुमार पांडे ने क्षेत्र के नागरिकों को जंगली बाघ के विचरण क्षेत्र से दूरी बनाए रखने तथा वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को सतत निगरानी रखने के निर्देश भी दिए।

पेंच टाइगर रिजर्व से 400 किमी दूर पहुंची बाघिन

Secret story of the wandering tiger of MP: गौरतलब है कि सीमित क्षेत्र में बाघों की बढ़ती आबादी से उनके बीच संघर्ष बढ़ता है। साथ ही, आबादी वाले इलाकों में बाघों का आवागमन शुरू हो जाता है।

Secret story of the wandering tiger of MP: बाघों और इंसानों के बीच संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ने लगती हैं। ऐसे में बाघों के स्वतंत्र विचरण के लिए ऐसे कॉरिडोर जरूरी हैं। इससे संरक्षण के साथ ही बाघों की आबादी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

दो महीने में ऐसा दूसरा मामला

Secret story of the wandering tiger of MP: इसी तरह, अक्टूबर के मध्य में पेंच टाइगर रिजर्व से एक बाघिन भी पेंच से निकलकर छत्तीसगढ़ पहुंच गई। यह बाघिन भी 400 किमी दूर छत्तीसगढ़ राज्य के अचानकमार टाइगर रिजर्व पहुंच गई।

Secret story of the wandering tiger of MP: भारतीय वन्यजीव संस्थान के टाइगर सेल के वैज्ञानिकों ने अचानकमार टाइगर रिजर्व द्वारा भेजी गई बाघिन की तस्वीर का बाघ डेटाबेस से मिलान किया, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई।

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