MP High Court: फॉरेस्ट विभाग में फेंसिंग के नाम पर लाखों का घपला!, सागर लोकायुक्त एसपी से जवाब तलब
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
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सागर डिवीजन अंतर्गत आने वाले पन्ना व छतरपुर फॉरेस्ट विभाग में फेंसिंग के लिए जाली खरीदी में लाखों का घपला किए जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट की शरण ली गई है। दायर मामले में कहा गया है कि शिकायत के बावजूद भी दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई है। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले में सागर लोकायुक्त एसपी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को निर्धारित की है।
बता दें यह जनहित याचिका सतना नागौद निवासी फॉरेस्ट विभाग के पूर्व कर्मी मुनेन्द्र सिंह परिहार, जल संसाधन कार्यपालन यंत्री कार्यालय में पदस्थ कर्मी विजय प्रसाद गौतम व बसंत सिंह सिकरवार की ओर से दायर की गई है। इसमें आरोप है कि पन्ना व छतरपुर के वन विभाग में पौधारोपण के लिए जो जाली खरीदी गई, उसमें जमकर गड़बड़झाला हुआ है। करीब 50 लाख रुपये का हेरफेर किया गया। मामले की शिकायत के बावजूद भी अनावेदकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है।
मामले में फॉरेस्ट विभाग के सचिव, पीसीसीएफ, पन्ना डीएफओ पुनीत सोनकर, छतरपुर डीएफओ अनुराग कुमार व छतरपुर के रिटायर्ड सीसीएफ पीपी तितेरे सहित सागर डिवीजन के लोकायुक्त एसपी को पक्षकार बनाया गया है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई पश्चात न्यायालय ने लोकायुक्त एसपी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को निर्धारित की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने पक्ष रखा।