World Champions: महिला अंडर-19 विश्वकप विजेता टीम में भोपाल की सौम्या, पिता ने बताया कोच ने क्यों किया था मना

भगवान से बेटियां ही मांगी थीं
बेटी द्वारा क्रिकेट को करियर चुनने पर मनीष तिवारी ने कहा कि बेटी होने के नाते क्रिकेट खेलने को लेकर हमें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। तिवारी ने बताया कि मैंने भगवान से बेटियां ही मांगी थीं। मेरे पिता ने शुरुआत में थोड़ा विरोध किया था, लेकिन बाद में वे भी मेरे फैसले के साथ हैं। मेरी बड़ी बेटी बैंक में नौकरी करती है। सौम्या की मां भारती हाउस वाइफ है। तिवारी ने बताया कि उनका परिवार अभी एमपी नगर के पास गौतम नगर में रहता है। पहले वह शाहजहांनाबाद में रहते थे।
तिवारी ने बताया कि उनकी बेटी कम संसाधनों में ही प्रैक्टिस करती थी। कभी महंगे जूते, बैट की डिमांड नहीं की। अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही बैट और जूते से प्रैक्टिस करती थी। तिवारी ने कहा कि कभी हम पर बोझ नहीं बनी। अपने परफार्मेंस के अनुसार वह अपने आपको तैयार करती गई।
बताया हेयरस्टाइल नहीं, इस वजह से किया था मना
बॉयकट हेयरकट के कारण सौम्या को क्रिकेट की कोचिंग देने से मना करने पर मनीष तिवारी ने बताया कि ऐसा नहीं है। सौम्या शुरू से ही बॉयकट हेयरकट रखती है। जब उसको एकेडमी में भर्ती करने गए तो उसे कोचिंग देने से मना किया गया था। इसका कारण वहां लड़कियों को कोचिंग नहीं होना था। बॉयकट के कारण मना करना सही नहीं है।
मनीष तिवारी ने बताया कि मैच से पहले बेटी ने कॉल कर बात की थी। सौम्या ने बताया था कि ग्राउंड में जा रही हूं। उस समय बेटी से ज्यादा बात नहीं हुई, लेकिन सुबह डिटेल में बात की थी। उस समय सौम्या ने बताया था कि हमारी टीम ने पूरी प्लानिंग और डिस्कस किया है। तिवारी ने बताया कि घर में उनकी मां सबह से ही पूजा पाठ कर रही थी।
बेटे और बेटी में ना करें अंतर
दो बेटियों के पिता मनीष तिवारी ने बेटियों के लिए संदेश दिया कि बेटी और बेटे में कोई अंतर ना करें। बेटियां बेटी से कम नहीं हैं। मैं यहीं कहना चाहता हूं कि बेटियां जो करना चाहती हैं उन्हें करने दिया जाए। उनके साथ टोका टाकी ना की जाए। वे सब कुछ करके दिखाएंगी।