भारत ने पहला अंडर-19 विमेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत लिया है। विश्व कप जीतने वाली टीम में भोपाल की 17 वर्षीय सौम्या तिवारी ने भी अपने बल्ले से खेल दिखाया और 24 रन की पानी खेली। सौम्या का जन्म भोपाल में ही हुआ है। उनके पिता मनीष तिवारी भोपाल कलेक्ट्रेट की इलेक्शन शाखा में पदस्थ हैं। मनीष तिवारी ने बेटी की जीत पर कहा कि वे फूले नहीं समा रहे हैं। उन्होंने सौम्या की सफलता पर कहा कि यह उसके संघर्ष और समर्पण का परिणाम है। यही कारण है कि उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अंडर-19 महिला विश्वकप की सदस्य सौम्या तिवारी के घर में खुशियां मनाई गई। माता-पिता ने एक-दूसरे का मुंह मीठा करा कर जश्न मनाया। पिता बोले यह गर्व का क्षण, बेटी ने गौरव बढ़ा दिया।
भगवान से बेटियां ही मांगी थीं
बेटी द्वारा क्रिकेट को करियर चुनने पर मनीष तिवारी ने कहा कि बेटी होने के नाते क्रिकेट खेलने को लेकर हमें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। तिवारी ने बताया कि मैंने भगवान से बेटियां ही मांगी थीं। मेरे पिता ने शुरुआत में थोड़ा विरोध किया था, लेकिन बाद में वे भी मेरे फैसले के साथ हैं। मेरी बड़ी बेटी बैंक में नौकरी करती है। सौम्या की मां भारती हाउस वाइफ है। तिवारी ने बताया कि उनका परिवार अभी एमपी नगर के पास गौतम नगर में रहता है। पहले वह शाहजहांनाबाद में रहते थे।
पिता पर नहीं बनी बोझ
तिवारी ने बताया कि उनकी बेटी कम संसाधनों में ही प्रैक्टिस करती थी। कभी महंगे जूते, बैट की डिमांड नहीं की। अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही बैट और जूते से प्रैक्टिस करती थी। तिवारी ने कहा कि कभी हम पर बोझ नहीं बनी। अपने परफार्मेंस के अनुसार वह अपने आपको तैयार करती गई।
बताया हेयरस्टाइल नहीं, इस वजह से किया था मना
बॉयकट हेयरकट के कारण सौम्या को क्रिकेट की कोचिंग देने से मना करने पर मनीष तिवारी ने बताया कि ऐसा नहीं है। सौम्या शुरू से ही बॉयकट हेयरकट रखती है। जब उसको एकेडमी में भर्ती करने गए तो उसे कोचिंग देने से मना किया गया था। इसका कारण वहां लड़कियों को कोचिंग नहीं होना था। बॉयकट के कारण मना करना सही नहीं है।
मैच से पहले बेटी से की थी बात
मनीष तिवारी ने बताया कि मैच से पहले बेटी ने कॉल कर बात की थी। सौम्या ने बताया था कि ग्राउंड में जा रही हूं। उस समय बेटी से ज्यादा बात नहीं हुई, लेकिन सुबह डिटेल में बात की थी। उस समय सौम्या ने बताया था कि हमारी टीम ने पूरी प्लानिंग और डिस्कस किया है। तिवारी ने बताया कि घर में उनकी मां सबह से ही पूजा पाठ कर रही थी।
बेटे और बेटी में ना करें अंतर
दो बेटियों के पिता मनीष तिवारी ने बेटियों के लिए संदेश दिया कि बेटी और बेटे में कोई अंतर ना करें। बेटियां बेटी से कम नहीं हैं। मैं यहीं कहना चाहता हूं कि बेटियां जो करना चाहती हैं उन्हें करने दिया जाए। उनके साथ टोका टाकी ना की जाए। वे सब कुछ करके दिखाएंगी।