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Satna: नगर निगम ने 84 सफाई कर्मियों को नौकरी से निकाला, आक्रोशित मजदूरों ने रैली निकालकर किया विरोध प्रदर्शन

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सतना नगर निगम में सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में भारतीय सफाई मजदूर संघ के बैनर तले गुरुवार को सतना शहर में विरोध प्रदर्शन रैली निकाली। सफाईकर्मी स्टेशन रोड से होते हुए निगम कार्यालय पहुंचे और निगम आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। सफाई कर्मचारी ने मांग कि है उन्हें नौकरी में वापस रखा जाए। बता दें, सतना नगर निगम में एक साथ 84 सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। नगर निगम ने बजट में कटौती और आर्थिक संकट का हवाला देकर 84 कर्मचारियों को घर बैठने का निर्देश दिया है।

निकाले गए कर्मचारी सतना नगर निगम के वार्डों में आउटसोर्सिंग के तहत काम कर रहे थे। माना जा रहा है कि पहले ही खस्ता हाल सतना नगर की सफाई व्यवस्था पर अब और बुरा असर पड़ सकता है। पिछले कई दिनों से अलग-अलग वॉर्डों में पार्षद कर्मचारी बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जबकि यह फैसला उसके उल्ट आ गया है। भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष सोहन बनाफर ने कहा कि एक हफ्ते पहले 55 सफाई कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाला गया, जबकि कोरोना काल में इन्हीं कर्मचारी की मदद से शवों का अंतिम संस्कार किया गया था और अब महापौर ने उन्हें घर बैठा दिया है, जिससे इन्हें घर परिवार चलाने में काफी समस्याएं हो रही हैं।
 

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सतना नगर निगम में सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में भारतीय सफाई मजदूर संघ के बैनर तले गुरुवार को सतना शहर में विरोध प्रदर्शन रैली निकाली। सफाईकर्मी स्टेशन रोड से होते हुए निगम कार्यालय पहुंचे और निगम आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। सफाई कर्मचारी ने मांग कि है उन्हें नौकरी में वापस रखा जाए। बता दें, सतना नगर निगम में एक साथ 84 सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। नगर निगम ने बजट में कटौती और आर्थिक संकट का हवाला देकर 84 कर्मचारियों को घर बैठने का निर्देश दिया है।

निकाले गए कर्मचारी सतना नगर निगम के वार्डों में आउटसोर्सिंग के तहत काम कर रहे थे। माना जा रहा है कि पहले ही खस्ता हाल सतना नगर की सफाई व्यवस्था पर अब और बुरा असर पड़ सकता है। पिछले कई दिनों से अलग-अलग वॉर्डों में पार्षद कर्मचारी बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जबकि यह फैसला उसके उल्ट आ गया है। भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष सोहन बनाफर ने कहा कि एक हफ्ते पहले 55 सफाई कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाला गया, जबकि कोरोना काल में इन्हीं कर्मचारी की मदद से शवों का अंतिम संस्कार किया गया था और अब महापौर ने उन्हें घर बैठा दिया है, जिससे इन्हें घर परिवार चलाने में काफी समस्याएं हो रही हैं।

 

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