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पुलिसकर्मी से विधायक तक का सफर: संतराम नेताम होंगे छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए उपाध्यक्ष, दाखिल किया नामांकन

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छत्तीसगढ़ में बस्तर के केशकाल से दूसरी बार के विधायक संतराम नेताम विधानसभा के नए उपाध्यक्ष होंगे। उन्होंने बुधवार सुबह अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री शिव डहरिया और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय भी मौजूद थे। नेताम के नाम पर मंगलवार को ही कांग्रेस विधायक दल की हुई बैठक में मुहर लग गई थी। 

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में लगी नाम पर मुहर
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इसमें प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा भी पहुंची। उनके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत भी पहली बार बैठक में शामिल हुए। बैठक में चर्चा के बाद विधायक संत कुमार नेताम के नाम पर मुहर लगी। हालांकि प्रदेश प्रभारी शैलजा तैयार नहीं थी। उनकी आपत्ति के बाद भी नेताम उम्मीदवार चुने गए। 

17 साल पुलिसकर्मी की नौकरी की, फिर राजनीति में रखा कदम
संतराम नेताम ने साल 2013 में केशकाल विधानसभा से पहली बार चुनाव जीता था। इसके बाद 2018 में फिर जीत दर्ज की। इससे पहले वह बड़ेराजपुर जनपद पंचायत के सदस्य भी रह चुके थे। 2 मई 1972 को कोंडागांव में विश्रामपुर के पलना जन्में नेताम ने एमए एलएलबी करने के बाद पुलिस की नौकरी में कदम रखा। इसके बाद करीब 17 साल तक छत्तीसगढ़ पुलिस में अपनी सेवाएं दीं। फिर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। 

मनोज मंडावी के निधन से खाली हुई है उपाध्यक्ष की सीट
छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्तूबर को निधन हो गया था। वे धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। वहीं अगले दिन सुबह उनके सीने में दर्द हुआ। जिसके बाद उन्हें धमतरी के अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल ले जाते वक्त डॉक्टरों ने मनोज मंडावी को मृत घोषित कर दिया था। उनके निधन के बाद हुए उप चुनाव में उनकी पत्नी सावित्री मंडावी विधायक चुनी गईं हैं। 

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छत्तीसगढ़ में बस्तर के केशकाल से दूसरी बार के विधायक संतराम नेताम विधानसभा के नए उपाध्यक्ष होंगे। उन्होंने बुधवार सुबह अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री शिव डहरिया और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय भी मौजूद थे। नेताम के नाम पर मंगलवार को ही कांग्रेस विधायक दल की हुई बैठक में मुहर लग गई थी। 

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में लगी नाम पर मुहर

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इसमें प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा भी पहुंची। उनके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत भी पहली बार बैठक में शामिल हुए। बैठक में चर्चा के बाद विधायक संत कुमार नेताम के नाम पर मुहर लगी। हालांकि प्रदेश प्रभारी शैलजा तैयार नहीं थी। उनकी आपत्ति के बाद भी नेताम उम्मीदवार चुने गए। 

17 साल पुलिसकर्मी की नौकरी की, फिर राजनीति में रखा कदम

संतराम नेताम ने साल 2013 में केशकाल विधानसभा से पहली बार चुनाव जीता था। इसके बाद 2018 में फिर जीत दर्ज की। इससे पहले वह बड़ेराजपुर जनपद पंचायत के सदस्य भी रह चुके थे। 2 मई 1972 को कोंडागांव में विश्रामपुर के पलना जन्में नेताम ने एमए एलएलबी करने के बाद पुलिस की नौकरी में कदम रखा। इसके बाद करीब 17 साल तक छत्तीसगढ़ पुलिस में अपनी सेवाएं दीं। फिर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। 

मनोज मंडावी के निधन से खाली हुई है उपाध्यक्ष की सीट

छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्तूबर को निधन हो गया था। वे धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। वहीं अगले दिन सुबह उनके सीने में दर्द हुआ। जिसके बाद उन्हें धमतरी के अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल ले जाते वक्त डॉक्टरों ने मनोज मंडावी को मृत घोषित कर दिया था। उनके निधन के बाद हुए उप चुनाव में उनकी पत्नी सावित्री मंडावी विधायक चुनी गईं हैं। 

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