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सागर के इस मंदिर में भक्तों को मारे गए लड्डू, 200 साल पुरानी है ये परंपरा, देखिए Video

रिपोर्ट: अनुज गौतम

सागर: बुंदेलखंड में सागर के प्रसिद्ध श्री देव बांकेराघव जी मंदिर में रंग पंचमी के दो दिन बाद बरसाने की तर्ज पर लड्डू मार होली का आयोजन किया गया, जिसको भी यह लड्डू मिलता है, वह उसे भगवान के प्रसाद के रूप में स्वीकार करता है. लड्डू मार होली के साथ यहां पर लठमार होली भी हुई, जिसमें सखियों के द्वारा लठ मारने पर ढाल से उसका बचाव किया जाता है. साथ ही फूलों की भव्य होली का भी आयोजन किया गया.

पिछले 200 सालों से यह आयोजन हर बार रंग पंचमी से 1 दिन पहले संपन्न हो जाया करता था, लेकिन इस बार मंदिर में सेवा देने वाले पुजारी के परिवार में गमी हो जाने की वजह से रंग गुलाल की होली रंग पंचमी पर और रंगपंचमी से पहले होने वाला आयोजन उसके दो दिन के बाद संपन्न किया गया. इस तरह से 200 सालों से चली आ रही लड्डू मार होली की परंपरा को टूटने से बचा लिया गया. इस तरह भक्तों को अपने आराध्य श्रीकृष्ण के साथ होली खेलने का एक और मौका मिल गया.

इस आयोजन में शहर के सैकड़ों लोग मंदिर पहुंचे थे. शाम को भजन संध्या के साथ इसकी शुरुआत हुई. फिर ठाकुर जी की आरती की गई. राधा और कृष्ण के स्वरूप में झांकी सजाई. भगवान राघव जी गर्भगृह से बाहर आए और इसके बाद 200 किलो फूलों से होली खेलने की शुरुआत हुई. करीब 4 घंटे तक चले इस आयोजन में श्रद्धालु जमकर भक्ति के रंग में डूबे हुए नजर आए.

झूम कर नाचे श्रद्धालु
एक तरफ जहां लड्डुओं और फूलों की होली खेली जा रही थी तो दूसरी तरफ श्रद्धालुओं के द्वारा भक्ति में सराबोर होकर नृत्य किया जा रहा था और भगवान के भजन गाए जा रहे थे. महिला श्रद्धालु अपने ठाकुर जी के साथ होली के रंग में सारी सुध बुध खोकर मदमस्त नजर आईं. बता दें कि शहर के बड़ा बाजार क्षेत्र में स्थित श्री देव बांके राघव जी मंदिर 200 साल से अधिक पुराना बताया जाता है यहां सेवा देने वाली पुजारी की पांचवी पीढ़ी है.

Tags: Bundelkhand, Holi celebration, Mp news, Sagar news

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