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कथित छेड़छाड़ केस: RP सिंह ने PC में इल्जामों को बताया निराधार, MP-CG टाइम्स से कही ये बड़ी बात

पुष्पराजगढ़। जयस संगठन (JAYS sangathan) के जिला अध्यक्ष रहे शिक्षक RP सिंह धुर्वे (Teacher RP Singh Dhurve) पर कई संगीन आरोप लगे थे, जिससे उनकी बहुत किरकिरी हुई थी. स्कूल की ही छात्रा ने छेड़छाड़ (student molesting) समेत कई संगीन आरोप लगाए हैं, जिसकी तफ्तीश जारी है, लेकिन फिलहाल शिक्षक RP सिंह धुर्वे (Teacher RP Singh Dhurve) को राहत मिली है. उनको गंभीर आरोपों के बीच न्यायालय से अग्रिम जमानत (bail from court) भी मिल गई, जिसके बाद उन्होंने 6 सितंबर को पत्रकारवार्ता की. इस दौरान RP सिंह ने अपने ऊपर लगे लांछन को निराधार और न्यायालय पर विश्वास  (trust in court) जताया.

इस दौरान RP सिंह ने पूरे मामले में राजनीतिक और प्रशासनिक दवाब होने की बात खुलकर प्रेसवार्ता में कही. RP ने कहा कि लगाए गए आरोप को निराधार हैं. उनके पास साक्ष्य की प्रतियां हैं, जिसे पत्रकारों को वितरित की गई. हलांकि आरपीसिंह ने न्यायालय पर पूरा विश्वास जताया है. उन्होंने कहा कि वतर्मान में न्यायालय ने जिस प्रकार प्रथम दृष्टया आरोपी न मानते हुए जमानत मंजूर की है, आगे भी साक्ष्यों के आधार पर वे खुद निर्दोष साबित होंगे.

बीते महीने जयस संगठन के तात्कालिक अध्यक्ष आरपी सिंह धुर्वे ग्राम सरवाही स्कूल के कार्यवाहक प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगे थे. नाबालिग लड़की और उसके परिजनों ने मामले की 23 अगस्त को राजेंद्रग्राम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. थाने में पुलिस ने शिकायतकर्त्ता द्वारा छेड़छाड़ की बात को आधार मानकर IPC की धारा 354 पास्को एक्ट 3 – 4 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था.

जयस संगठन द्वारा आयोजित सामुदायिक भवन पुष्पराजगढ़ के प्रेसवार्ता में संगठन के पदाधिकारियों समेत आरपी सिंह धुर्वे ने खुलकर अपना पक्ष रखा. मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे गए सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. प्रेसवार्ता में आरोप को निराधार बताते हुए जो दस्तावेज पेश किए गए, उनमें मुख्य रूप से स्कूल रजिस्टर, मार्कसीट की कॉपी, उपस्थित पंजीयन, प्री बोर्ड़ के एग्जामिनेशन की तिथि की छाया प्रतियां उपलब्ध कराई गई.

बातचीत में RP सिंह ने कहा कि 15 मार्च को प्री बोर्ड की कापियां स्कूल में जमा कराते वक़्त क्षेड़छाड़ के आरोप हैं, लेकिन 12 अप्रैल से प्रीबोर्ड एग्जाम शुरू हुए थे. उस तिथि में एग्जाम ही नहीं हुए तब कैसे एक माह पूर्व कॉपी जमा करने कोई आ सकता है. ये सब एक षडयंत्र है, जिसमें उनको फंसाया जा रहा है. ये कहानी एक मैडम की ट्रांसफर को लेकर उपजी थी, जो छेड़छाड़ का रूप धारण कर ली. ये सब आरोप निराधार हैं, उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है.

जयस संगठन के संभागीय अध्यक्ष रघुवीर मरावी, प्रभारी जिला अध्यक्ष रोहित मरावी, आरपीसिंह धुर्वे, मनोज मरावी जिला संयोजक, नवीन कुमार उरेती, अजय पाल सिंह विधानसभा पभारी के साथ अन्य संगठन के पदाधिकारी कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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