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Raipur: रितेश्वर महाराज बोले- ‘चंद आटा की थैलियों पर होता है धर्मांतरण, जब 2 बोरी जाएगा तो सब वापस आ जाएंगे’

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे सदगु रुरितेश्वर महाराज ने धर्मांतरण पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने धर्मांतरण को सबसे बड़ा अपराध मानते हुए कहा कि चंद आटा की थैलियों पर धर्मांतरण होता है। जब दो बोरी आटा जाएगा, तो सब वापस आ जाएंगे।

दो दिवसीय प्रवास पर रायपुर पहुंचे महाराज ने कहा कि लॉर्ड मैकाले के शिक्षा व्यवस्था में भारत को गुलाब बनाना है। एक साजिश के तहत बाबर और औरंगजेब का इतिहास बताया और पढ़ाया गया। राम कृष्ण को काल्पनिक बताया गया। इसलिए हमारी मांग है कि सनातन शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाए। सनातन शिक्षा दी जाए। 

सिद्धि से इंकार नहीं: महाराज 

बागेश्वर धाम सरकार पर कहा कि सबसे बड़ा चमत्कार है ज्ञान, सिद्धि से वो इंकार नहीं करते हैं। इनकार करने का मतलब रामायण, महाभारत को नकारना पड़ेगा। सिद्धि का मतलब एक विशेष विद्या है। अलौकि शब्द मतलब जो नहीं दिखता। वो किसी को बुलाते नहीं है लोग खुद ही आ जाते हैं। भारत लोकतांत्रिक देश है, जनता जिसके पास चाहे प्रवचन सुन सकती है।


‘भारत में जनभावना का अनादर नहीं’ 

रामचरित मानस विवाद पर कहा कि इसकी वजह वोट बैंक है, तो इसकी निंदा होनी चाहिए। भारत ने सती प्रथा समाप्त का दिया है। देश की सनातन संस्कृति विराट है। यहां किसी की जनभावना का अनादर नहीं होता है। जाति व्यवस्था के कारण उत्पीड़न हुआ है। अपवाद कभी नियम नहीं हो सकते। 

‘दाड़ी बढ़ाने से कोई बाबा नहीं बन जाता’

उन्होंने कहा कि दाड़ी बढ़ाने से कोई बाबा नहीं बन जाता। उनके पास ज्ञान होना चाहिए। मनोरंजन और मनोमंथन होना चाहिए। मन का मंथन होना चहिए । मैकलो की शिक्षा पढ़नी मेरी मजबूरी थी। डॉक्टरेट की डिग्री का कोई महत्व नहीं है। मेरे गुरु के ज्ञान से मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आई है। केमिस्ट्री का टॉपर हूं लेकिन कोई काम नहीं आया है। जीविका का विद्या मिलेगी। जीवन का विद्या मिलेगा। दोनों ज्ञान बच्चे के पास रहेगा, तो सुशांत सिंह राजपूत नहीं बनेगा। 70 से 80 साल की जिदंगी मिली है, इसमें सुसाइड करना कौन सी जिंदगी है।अमेरिका जापान और स्वीडन में सबसे ज्यादा आत्महत्या और पागलपन है।  

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