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MP News: सेमरिया से भाजपा विधायक को हाईकोर्ट से आंशिक राहत, ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर अंतरिम रोक

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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रीवा के सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी के खिलाफ रीवा की ट्रायल कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान पर आगामी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा कि सीईओ जनपद पंचायत सुरेश कुमार मिश्रा अपनी आपत्ति पेश कर सकते हैं, जिस पर अगली सुनवाई के दौरान विचार किया जाएगा। तब तक ट्रायल कोर्ट विधायक के खिलाफ 24 नवंबर 2022 के आदेश के संबंध में कोई कार्रवाई न करें। 

मामला रीवा की जनपद पंचायत सिरमौर के सीईओ सुरेश कुमार मिश्रा के साथ मारपीट का है। इस संबंध में वीडियो वायरल होने के बाद रीवा की लोकल कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जान से मारने के प्रयास का मुकदमा कायम किया था। हाईकोर्ट में केपी त्रिपाठी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने दलील पेश की। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता वर्तमान में विधायक हैं। इस वजह से ट्रायल कोर्ट को उनके खिलाफ संज्ञान लेने और प्रकरण पंजीबद्ध करने का अधिकार नहीं है। अधिवक्ता दत्त ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही के खिलाफ एडीजे कोर्ट रीवा के समक्ष रिवीजन फाइल की गई है। एडीजे कोर्ट ने क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए रिवीजन पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। इस वजह से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इसके बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिए। 

यह है मामला
जनपद पंचायत सिरमौर के सीईओ सुरेश कुमार मिश्रा और विधायक केपी त्रिपाठी के बीच किसी मामले को लेकर विवाद हुआ था। जब मिश्रा कार्यालय से वापस जा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की। धमकी दी कि क्या विधायक के खिलाफ कार्रवाई करोगे? इस मामले में पुलिस ने ट्रायल कोर्ट में चालान पेश किया। सीईओ ने मोबाइल रिकॉर्डिंग के साथ कुछ दस्तावेज पेश किए। इन सभी पर संज्ञान लेते हुए ट्रायल कोर्ट ने 24 नवंबर 2022 को विधायक के खिलाफ भादंवि की धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। 

विस्तार

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रीवा के सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी के खिलाफ रीवा की ट्रायल कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान पर आगामी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा कि सीईओ जनपद पंचायत सुरेश कुमार मिश्रा अपनी आपत्ति पेश कर सकते हैं, जिस पर अगली सुनवाई के दौरान विचार किया जाएगा। तब तक ट्रायल कोर्ट विधायक के खिलाफ 24 नवंबर 2022 के आदेश के संबंध में कोई कार्रवाई न करें। 

मामला रीवा की जनपद पंचायत सिरमौर के सीईओ सुरेश कुमार मिश्रा के साथ मारपीट का है। इस संबंध में वीडियो वायरल होने के बाद रीवा की लोकल कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जान से मारने के प्रयास का मुकदमा कायम किया था। हाईकोर्ट में केपी त्रिपाठी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने दलील पेश की। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता वर्तमान में विधायक हैं। इस वजह से ट्रायल कोर्ट को उनके खिलाफ संज्ञान लेने और प्रकरण पंजीबद्ध करने का अधिकार नहीं है। अधिवक्ता दत्त ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही के खिलाफ एडीजे कोर्ट रीवा के समक्ष रिवीजन फाइल की गई है। एडीजे कोर्ट ने क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए रिवीजन पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। इस वजह से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इसके बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिए। 

यह है मामला

जनपद पंचायत सिरमौर के सीईओ सुरेश कुमार मिश्रा और विधायक केपी त्रिपाठी के बीच किसी मामले को लेकर विवाद हुआ था। जब मिश्रा कार्यालय से वापस जा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की। धमकी दी कि क्या विधायक के खिलाफ कार्रवाई करोगे? इस मामले में पुलिस ने ट्रायल कोर्ट में चालान पेश किया। सीईओ ने मोबाइल रिकॉर्डिंग के साथ कुछ दस्तावेज पेश किए। इन सभी पर संज्ञान लेते हुए ट्रायल कोर्ट ने 24 नवंबर 2022 को विधायक के खिलाफ भादंवि की धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। 

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