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RSS: आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा- औपनिवेशिक अतीत से बाहर निकल रहा देश

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हाल ही में भारत में कई प्रतीकात्मक बदलाव हुए हैं, जिनमें ‘राजपथ’ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ करना शामिल है, जो संकेत देते हैं कि देश अपने औपनिवेशिक अतीत से बाहर आ रहा है।

आरएसएस की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार ‘भारतीय विचार संस्थान न्यास’ की ओर से यहां आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला में पहले दिन मंगलवार को ‘श्रेष्ठ भारत बनाने में प्रबुद्धजन की भूमिका’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए होसबाले ने ये बातें कहीं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भी उस दिशा में एक कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी होनेवाले पत्रों पर राष्ट्रीय पंचांग की तिथि अंकित होने लगी है, जार्ज पंचम के लिए लगाई गई छतरी में अब नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा है, इसी तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इस दिशा में प्रयास है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश पत्रकार मार्क टुली कहते थे, अंग्रेजों की प्रशासनिक मशीनरी को ही भारत के लोग अब तक चला रहे हैं। 

होसबाले ने कहा, भारत करवट ले रहा, भारत की एकात्म का अनुभव आ रहा है और भारत की मान्यता बढ़ रही है। इसलिए भारत के ‘स्व’ को जगाने का यह अमृतकाल है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में जिस तरह की उपलब्धियां हासिल की हैं, वे दुनिया के लिए उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर दुनिया के आर्थिक विशेषज्ञ भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को स्वीकार कर रहे हैं।

 

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हाल ही में भारत में कई प्रतीकात्मक बदलाव हुए हैं, जिनमें ‘राजपथ’ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ करना शामिल है, जो संकेत देते हैं कि देश अपने औपनिवेशिक अतीत से बाहर आ रहा है।

आरएसएस की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार ‘भारतीय विचार संस्थान न्यास’ की ओर से यहां आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला में पहले दिन मंगलवार को ‘श्रेष्ठ भारत बनाने में प्रबुद्धजन की भूमिका’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए होसबाले ने ये बातें कहीं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भी उस दिशा में एक कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी होनेवाले पत्रों पर राष्ट्रीय पंचांग की तिथि अंकित होने लगी है, जार्ज पंचम के लिए लगाई गई छतरी में अब नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा है, इसी तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इस दिशा में प्रयास है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश पत्रकार मार्क टुली कहते थे, अंग्रेजों की प्रशासनिक मशीनरी को ही भारत के लोग अब तक चला रहे हैं। 

होसबाले ने कहा, भारत करवट ले रहा, भारत की एकात्म का अनुभव आ रहा है और भारत की मान्यता बढ़ रही है। इसलिए भारत के ‘स्व’ को जगाने का यह अमृतकाल है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में जिस तरह की उपलब्धियां हासिल की हैं, वे दुनिया के लिए उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर दुनिया के आर्थिक विशेषज्ञ भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को स्वीकार कर रहे हैं।

 

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