Rajnandgaon constable committed suicide after writing a suicide note: छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पुलिस आरक्षक भर्ती की सीबीआई जांच की मांग की है। दरअसल, भर्ती प्रक्रिया से जुड़े एक आरक्षक ने शनिवार को राजनांदगांव में आत्महत्या कर ली थी। उस पर पैसों के लेन-देन का भी आरोप लगा था। उसने अपने हाथ में सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें अफसरों को बचाने की बात कही गई थी।
इसके बाद अब पूर्व सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, विष्णु के सुशासन में वो कौन बड़े अफसर हैं जिन्हें बचाया जा रहा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, शनिवार की सुबह आरक्षक का शव लालबाग थाना क्षेत्र के रामपुर रोड से 1 किलोमीटर अंदर पेड़ से लटका मिला। आरक्षक का नाम अनिल रत्नाकर (25 वर्ष) था। वह खैरागढ़ पुलिस में पदस्थ था और फिजिकल टेस्ट प्रक्रिया की मॉनिटरिंग में लगा था। अनिल सरायपाली बसना का रहने वाला था और उस पर भर्ती में पैसों के लेन-देन का भी आरोप था।
कांस्टेबल अनिल रत्नाकर ने हथेली पर सुसाइड नोट में लिखा कि, आरक्षक भर्ती में कर्मचारी को फंसाया जा रहा है, अधिकारी को बचाया जा रहा है। इसमें सभी शामिल हैं।
चार कांस्टेबल समेत तकनीकी टीम के दो गिरफ्तार
इस मामले की जांच कर रहे लालबाग टीआई नवरतन कश्यप ने बताया कि अब तक 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें सिर्फ 4 कांस्टेबल हैं और तकनीकी टीम के दो लोग शामिल हैं। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में महिला कांस्टेबल पुष्पा चंद्रवंशी, परिधि निषाद, कांस्टेबल धर्मराज मरकाम, कांस्टेबल योगेश कुमार धुर्वे और तकनीकी टीम से नूतेश्वरी धुर्वे, पवन कुमार साहू शामिल हैं।
भाजपा चहेतों को भर्ती करने के लिए पद बेच रही है- बैज
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री विजय शर्मा के इशारे पर यह घोटाला किया जा रहा है। बैज ने अनिल रत्नाकर की आत्महत्या पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। कहा, भाजपा सरकार चहेतों को पद देने के लिए पद बेच रही है। गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए या बर्खास्त किया जाना चाहिए।
भूपेश बघेल ने कांस्टेबल की हथेली का वीडियो शेयर किया
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एक्स पोस्ट पर मृतक कांस्टेबल अनिल रत्नाकर की हथेली का वीडियो शेयर किया है। सीएम विष्णुदेव साय को टैग करते हुए बघेल ने लिखा है- कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, अफसरों को बचाया जा रहा है। भ्रष्टाचार हुआ है। अफसरों की भी भूमिका है। अब उच्चस्तरीय जांच जरूरी है।
इसके अलावा एक अन्य पोस्ट पर भूपेश बघेल ने लिखा है कि कांस्टेबल को पुलिस भर्ती घोटाले से जुड़ा बताया जा रहा है। सवाल यह है कि यह हत्या है या आत्महत्या? क्या इसमें कोई बड़े खिलाड़ी शामिल हैं? किसी और को बचाने के लिए किसी और की बलि दी जा रही है।
हैदराबाद की कंपनी को दी गई थी भर्ती की जिम्मेदारी
दरअसल, राजनांदगांव में संभाग स्तर पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया का पहला चरण यानि फिजिकल फिटनेस 16 दिसंबर से चल रहा है। भर्ती प्रक्रिया के लिए बाहर से तकनीकी टीम बुलाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी हैदराबाद की कंपनी को दी गई थी। साथ ही पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी भी अलग-अलग आयोजनों के लिए लगाई गई थी।
इस दौरान बूथ चेकिंग के लिए एएसपी, डीएसपी स्तर के अधिकारी पहुंचे थे। जिसमें भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया था। जिसके बाद एसपी ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में तकनीकी कर्मचारियों के साथ ही करीब 10 से 12 पुलिस कांस्टेबल को भी संदेह के घेरे में रखा गया है।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS