एक- दूसरे के हुए भावेश और जेझल
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जब मोहब्बत हो तो सात समंदर पार की दूरी भी छोटी पड़ जाती है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में फिलीपींस से दूल्हन आई। राजनांदगांव में बारात और धूमधाम से शादी हुई। राजनांदगांव के भावेश गायकवाड़ और फिलीपींस की जेझल की शादी बड़ी धूमधाम से हुई। क्या देश क्या विदेश किसी भी देश की सीमाएं दो प्रेम करने वालों को नहीं रोक पाती है और दो प्रेमी जोड़े आज मंगल परिणय में बंध गए वहीं शादी को देखने लोगों की भीड़ मार पड़ी विदेश से आई दुल्हन को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
जब भावेश के गले में जेझल ने वरमाला डाली तो आसपास के लोग विदेशी दूल्हन को देखते रह गए। बैंड-बाजे के साथ बारात निकली तो विदेशी दूल्हन खुद को नाचने से नहीं रोक पाई। दूल्हे के साथ बारातियों ने भी खूब डांस किया। दूल्हे का पूरा परिवार डांस करता नजर आया। भावेश राजनांदगांव के ममता नगर मे रहते है उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई राजनांदगांव से की है जिसके बाद मर्चेंट नेवी की तैयारी करने के लिए मुंबई चले गए । जहां उन्होंने 9 माह की ट्रेनिंग की जिसके बाद उन्हें तुर्की में मर्चेंट नेवी की ट्रेनिंग दी गई जिसके बाद उन्हें कतर में कैप्टन की जॉब मिल गई। कतर में ही उनकी मुलाकात जेझल से हुई धीरे-धीरे मुलाकात मोहब्बत में बदल गई और 5 साल बाद उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया। 14 जनवरी को भावेश और जेझल परिणय सूत्र में बंध गए
दो अजनबी विदेश में मिलते हैं और एक दूसरे को देखते ही दोनों के बीच प्यार हो जाता है और दोनों एक ही कंपनी में काम करते हैं धीरे-धीरे नज़दीकियां बढ़ने लगती है और वह नजदीकी यहां प्यार में बदल जाती है। फिर प्यार शादी में। कहते हैं की इश्क जात, पात, धर्म, देश नहीं देखता। वहीं सात समंदर से दुल्हन लाने पर भी परिवारों में खुशी रही दोनों ही परिवारों का सपोर्ट इन्हें मिला। एक साथ काम करते हुए दोनों का प्रेम परवान चढ़ा और दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। वहीं हिंदू रीति रिवाज से राजनांदगांव में दोनों ने शादी की वही ये शादी से राजनांदगांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।