गिरीश जगत, गरियाबंद। श्रद्धा और आस्था का प्रतीक राजिम कुंभ कल्प की आज से शुरुआत हो गई है। राजिम कुंभ कल्प में शामिल होने के लिए देश विदेश के लाखों श्रद्धालू राजिम पहुचेंगे। श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला सुबह 4 बजे से ही शुरु हो गया है, जो आज दिनभर जारी रहेगा।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक वैसे तो देश में अनादिकाल से हर वर्ष माघ पुर्णिमा से महाशिवरात्री तक राजिम मेला आयोजित होता है, देश विदेश के लाखों लोग राजिम के पवित्र त्रिवेणी में उसी आस्था और विश्वास के साथ डुबकी लगाते हैं। स्नान करते हैं, जिसकी शुरुआत आज मांघ पूर्णिमा के प्रथम स्नान के साथ शुरू हो गया है।
हजारों भक्तों ने सुबह त्रिवेणी संगम में स्नान किया। उसके पश्चात भगवान राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ के दर्शन कर रहे है। भक्तों के त्रिवेणी स्नान का ये सिलसिला आज दिनभर जारी रहेगा।
राजिम कुंभ कल्प की अपनी एक अलग ही पहचान है, पैरी, सोंढूर और महानदी, तीन नदियों के संगम स्थल राजिम त्रिवेणी संगम पर ये राजिम कुंभ कल्प आयोजित होता है, त्रिवेणी संगम के एक तट पर भगवान विष्णु श्री राजीवलोचन विराजमान है।
दूसरे तट पर सप्त ऋषियों में से एक लोमश ऋषि का आश्रम विद्यमान है। त्रिवेणी संगम के बीचो बीच खुद महादेव कुलेश्वरनाथ के रुप में स्थापित है, वैसे तो श्रद्धालुओं के यहॉ पहुंचने का सिलसिला सालभर लगा रहता है, मगर राजिम कुम्भ के समय श्रद्धालुओं के पहुंचने की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को घंटों लाइन में खड़ा होना पडता है।
श्रद्धा और भक्ति का दूसरा नाम ही भगवान है, जहॉ श्रद्धा है, वहॉ भक्ति है, और जहॉ भक्ति है, वहॉ भगवान है। भगवान के दर्शन की चाहत और मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर श्रद्धालुओं का राजिम कुंभ कल्प में पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया है, जो 08 मार्च महाशिवरात्री तक जारी रहेगा।
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