छत्तीसगढ़जुर्मस्लाइडरस्वास्थ्य

एक्सपायरी नमकीन खाने से युवक की हालत बिगड़ी: विशाल मेगा मार्ट की नमकीन खाने से पेट खराब, मुआवजा देने और माफी मांगने से इनकार, अब लगा जुर्माना

Raipur Vishal Mega Mart expired namkeen youth health deteriorated: रायपुर में विशाल मेगा मार्ट से एक्सपायरी नमकीन खाने से युवक का पेट खराब हो गया। उसे उल्टी और दस्त होने लगे। इलाज के बाद जब उसने इसकी शिकायत मार्ट वालों से की और लिखित में मुआवजा और माफी मांगी तो प्रबंधन ने इनकार कर दिया। पीड़ित युवक ने इसकी शिकायत कोतवाली थाने में भी की। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

उसके बाद पीड़ित रजनीश कौशिक ने मार्ट प्रबंधन के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज कराया। अब जांच के बाद फोरम ने मार्ट को अनुचित व्यापार व्यवहार और मानसिक पीड़ा के लिए शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपए देने का आदेश दिया है। रजनीश कौशिक ने जून 2022 में विशाल मेगा मार्ट से 11,874 रुपए का किराना सामान खरीदा था।

इसमें फर्स्ट क्रॉप खट्टा मीठा नाम की नमकीन का पैकेट भी था। 3 दिन बाद जब उसने वह नमकीन खाया तो उसे उल्टी और दस्त होने लगे। उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि रजनीश को रक्षित केंद्र रायपुर के पुलिस अस्पताल में जाकर इलाज कराना पड़ा। वहां डॉक्टरों ने उससे पूछा कि उसने क्या खाया? फिर उसने नमकीन के बारे में बताया।

जब वह उपचार के बाद घर गया तो देखा कि नमकीन खरीदने से एक महीने पहले ही एक्सपायर हो चुकी थी। इसके बाद भी मार्ट ने उसे बेच दिया। इसे खाने के बाद शिकायतकर्ता की तबीयत खराब हो गई। जब शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत मार्ट वालों से की तो उन्होंने शिकायतकर्ता के साथ बदसलूकी शुरू कर दी। बिल दिखाने के बाद भी बहाने बनाने लगे। जब शिकायतकर्ता ने लिखित माफीनामा और हर्जाना मांगा तो मार्ट वालों ने मना कर दिया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई।

फोरम ने कहा- एक्सपायर माल बेचना ग्राहकों की सेहत से खिलवाड़

मामले की जांच के दौरान फोरम ने कहा कि अपनी दुकान में एक्सपायर माल को बिक्री के लिए रखना आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ है। फोरम ने माना कि एक्सपायर नमकीन खाने से शिकायतकर्ता की तबीयत खराब हुई। मार्ट ने घोर लापरवाही की है। साथ ही शिकायतकर्ता के साथ अनुचित व्यापारिक व्यवहार किया है। इसलिए फोरम ने विशाल मेगा मार्ट को अनुचित व्यवहार और मानसिक पीड़ा के लिए 45 दिन के अंदर शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपए हर्जाना देने का आदेश दिया। यदि 45 दिनों के भीतर मुआवजा नहीं दिया जाता है तो धनराशि 6 ​​प्रतिशत ब्याज के साथ वापस कर दी जाएगी।

Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button