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सोने के नाम पर ठगी: निवेश और बेचने का झांसा देकर लिए एक करोड़ रुपये, महिला सहित तीन गिरफ्तार

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। जबकि मास्टरमाइंड सहित दो आरोपी फरार हैं। यह सभी आरोपी लोगों को सोना बेचने और निवेश का झांसा देकर ठगी करते थे। धोखा देने के लिए आरोपियों ने ज्वैलरी शॉप भी खोल रखी थी। आरोपियों से पूछताछ में नौ लोगों से एक करोड़ रुपये ठगने का पता चला है। मामला राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है। 

जमीन का सौदा करने के दौरान हुआ था परिचय
पुलिस ने बताया कि, सेक्टर-2ए अग्रोहा सोसायटी निवासी शिवकुमार अग्रवाल ने मामला दर्ज कराया कि उनकी पत्नी रानी अग्रवाल के नाम पर एक हजार वर्ग फीट का भूखंड है। उसे बेचने के लिए अनिल वर्मा से 21 लाख रुपये में सौदा हुआ था। अनिल वर्मा ने रजिस्ट्री के समय पांच-पांच लाख रुपये के दो और 11 लाख रुपये का एक चेक उनकी पत्नी रानी अग्रवाल के नाम पर दिया था। इसमें से 10 लाख रुपये उन्हें मिल गए, लेकिन 11 लाख का चेक उन्होंने रोकने को कहा। 

रजिस्ट्री पेपर देकर 10 लाख रुपये मांगे
शिव कुमार ने पुलिस को बताया कि अनिल वर्मा अपनी पत्नी अंजलि सोनी और जयनारा के साथ उनके घर आया। कहा कि, उसे अभी बड़ी रकम की जरूरत है। इसलिए उसके घर की रजिस्ट्री पेपर रख लीजिए और 10 लाख रुपये उसे दे दें। वह एक साथ 21 लाख रुपये आरटीजीएस से ट्रांसफर कर देगा। उसकी बात पर भरोसा करते हुए 10 लाख रुपये शिवकुमार ने उसे दे दिए। कुछ समय बाद शिव कुमार अपने रुपये के संबंध में उसकी ज्वैलरी शॉप पर पहुंचे। उस समय अनिल दुकान में नहीं था। 

सोने में मुनाफे का झांसा देकर सात लाख रुपये लिए
दुकान में जय कुमारा नारा और अखिलेश उर्फ भोला मौजूद थे। आरोप है कि जय कुमार ने शिव से कहा कि अनिल वर्मा को अभी और रुपयों की जरूरत है। वह थोक में दिल्ली से सोना लाकर रायपुर में बेचेगा। अगर वह अनिल के बिजनेस में निवेश करते हैं तो अच्छा लाभ मिलेगा। जय कुमार ने झांसा दिया कि उसने भी 30 लाख रुपये लगाए हैं। दोनों आरोपियों ने शिव से कहा कि वह सात लाख रुपये दे दे तो आठ लाख रुपये वापस करेगा। उनकी बातों में आकर शिव ने सात लाख रुपये आरटीजीएस से दे दिए। 

दिवाली के बाद दुकान बंद कर भाग निकले
इसके बाद दिवाली से पहले अनिल वर्मा और जय कुमार फिर से शिव कुमार अग्रवाल के घर पहुंचे। कहा कि सोने का भाव बढ़ गया है। पांच लाख रुपये कम पड़ रहे हैं। अगर वे पांच लाख रुपये और मिला दें तो जो कमाई होगी उसमें बराबर हिस्सा मिलेगा। उनकी बातों में आकर फिर शिव ने पांच लाख रुपये दे दिए। आरोप है कि जब दिवाली के बाद शिव कुमार उनकी ज्वैलरी शॉप पर पहुंचे तो पता चला कि अनिल वर्मा अपनी पत्नी अंजलि और दोनों सालों जय कुमार नारा व अखिलेश सिंह के साथ रायपुर छोडकर भाग गया है। 

आरोपियों से नकदी, गहने बरामद
जांच के दौरान पुलिस ने साइबर सेल की मदद से अंजलि वर्मा उर्फ अंजलि सोनी, अखिलेश सिंह उर्फ भोला और जयकुमार नारा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने लोगों को शिकार बनाने के लिए महावीर नगर में राज ज्वैलर्स के नाम से दुकान खोल रखी थी। इसके चलते लोग उनकी बातों पर आसानी से भरोसा कर लेते थे। पुलिस ने आरोपियों से 55 हजार रुपये नकद, 11 लाख 20 हजार के सोने के गहने और 90 हजार के चांदी के गहने बरामद किए हैं। 

विस्तार

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। जबकि मास्टरमाइंड सहित दो आरोपी फरार हैं। यह सभी आरोपी लोगों को सोना बेचने और निवेश का झांसा देकर ठगी करते थे। धोखा देने के लिए आरोपियों ने ज्वैलरी शॉप भी खोल रखी थी। आरोपियों से पूछताछ में नौ लोगों से एक करोड़ रुपये ठगने का पता चला है। मामला राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है। 

जमीन का सौदा करने के दौरान हुआ था परिचय

पुलिस ने बताया कि, सेक्टर-2ए अग्रोहा सोसायटी निवासी शिवकुमार अग्रवाल ने मामला दर्ज कराया कि उनकी पत्नी रानी अग्रवाल के नाम पर एक हजार वर्ग फीट का भूखंड है। उसे बेचने के लिए अनिल वर्मा से 21 लाख रुपये में सौदा हुआ था। अनिल वर्मा ने रजिस्ट्री के समय पांच-पांच लाख रुपये के दो और 11 लाख रुपये का एक चेक उनकी पत्नी रानी अग्रवाल के नाम पर दिया था। इसमें से 10 लाख रुपये उन्हें मिल गए, लेकिन 11 लाख का चेक उन्होंने रोकने को कहा। 

रजिस्ट्री पेपर देकर 10 लाख रुपये मांगे

शिव कुमार ने पुलिस को बताया कि अनिल वर्मा अपनी पत्नी अंजलि सोनी और जयनारा के साथ उनके घर आया। कहा कि, उसे अभी बड़ी रकम की जरूरत है। इसलिए उसके घर की रजिस्ट्री पेपर रख लीजिए और 10 लाख रुपये उसे दे दें। वह एक साथ 21 लाख रुपये आरटीजीएस से ट्रांसफर कर देगा। उसकी बात पर भरोसा करते हुए 10 लाख रुपये शिवकुमार ने उसे दे दिए। कुछ समय बाद शिव कुमार अपने रुपये के संबंध में उसकी ज्वैलरी शॉप पर पहुंचे। उस समय अनिल दुकान में नहीं था। 

सोने में मुनाफे का झांसा देकर सात लाख रुपये लिए

दुकान में जय कुमारा नारा और अखिलेश उर्फ भोला मौजूद थे। आरोप है कि जय कुमार ने शिव से कहा कि अनिल वर्मा को अभी और रुपयों की जरूरत है। वह थोक में दिल्ली से सोना लाकर रायपुर में बेचेगा। अगर वह अनिल के बिजनेस में निवेश करते हैं तो अच्छा लाभ मिलेगा। जय कुमार ने झांसा दिया कि उसने भी 30 लाख रुपये लगाए हैं। दोनों आरोपियों ने शिव से कहा कि वह सात लाख रुपये दे दे तो आठ लाख रुपये वापस करेगा। उनकी बातों में आकर शिव ने सात लाख रुपये आरटीजीएस से दे दिए। 

दिवाली के बाद दुकान बंद कर भाग निकले

इसके बाद दिवाली से पहले अनिल वर्मा और जय कुमार फिर से शिव कुमार अग्रवाल के घर पहुंचे। कहा कि सोने का भाव बढ़ गया है। पांच लाख रुपये कम पड़ रहे हैं। अगर वे पांच लाख रुपये और मिला दें तो जो कमाई होगी उसमें बराबर हिस्सा मिलेगा। उनकी बातों में आकर फिर शिव ने पांच लाख रुपये दे दिए। आरोप है कि जब दिवाली के बाद शिव कुमार उनकी ज्वैलरी शॉप पर पहुंचे तो पता चला कि अनिल वर्मा अपनी पत्नी अंजलि और दोनों सालों जय कुमार नारा व अखिलेश सिंह के साथ रायपुर छोडकर भाग गया है। 

आरोपियों से नकदी, गहने बरामद

जांच के दौरान पुलिस ने साइबर सेल की मदद से अंजलि वर्मा उर्फ अंजलि सोनी, अखिलेश सिंह उर्फ भोला और जयकुमार नारा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने लोगों को शिकार बनाने के लिए महावीर नगर में राज ज्वैलर्स के नाम से दुकान खोल रखी थी। इसके चलते लोग उनकी बातों पर आसानी से भरोसा कर लेते थे। पुलिस ने आरोपियों से 55 हजार रुपये नकद, 11 लाख 20 हजार के सोने के गहने और 90 हजार के चांदी के गहने बरामद किए हैं। 

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