राहुल गांधी बोले- भाजपा की सरकारें वनवासी बताकर आदिवासियों से अधिकार छिनना चाहती है
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भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेेश में गुरुवार को दूसरा दिन है। राहुल रुस्तमपुरा मेें टंट्या मामा की जन्मस्थली पहुंचे और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यहां राहुल गांधी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि टंट्या मामा एक सोच और विचारधारा थे। उनकी सोच की वजह से मैं यहां आया हुं। आदिवासी शब्द के पीछे हमारी यह सोच है कि देश के पहले मालिक आदिवासी है। उनका जमीन, जंगल, जल पर हक होना चाहिए, लेकिन जंगल से बाहर भी अधिकार मिलने चाहिए।
भाजपा की सरकारें पब्लिक सेक्टरों को उद्योगपतियों के हवाले कर सीधे आदिवासियों को चोट पहुंचाती है।अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासी समुदाय के लिए नया शब्द वनवासी लाए है। इस शब्द के पीछे उनकी दूसरी सोच है। वे आदिवासियों को देश का पहला मालिक नहीं मानते। वनवासी का मतलब है कि आप सिर्फ जंगल में रहते हो, वन के बाहर उनको कोई अधिकार नहीं मिलना चाहिए। भाजपा की सरकारें जंगल को उद्योगपतियों को दे रही है। देश से जंगल खत्म हो रहे है।
जब जंगल खत्म हो जाएंगे तो आदिवासियों के लिए देश में कोई जगह नहीं बचेेेगी। नोटबंदी, जीएसटी सरकार की पालिसी नहीं हथियार है।हमारी सरकार मध्य प्रदेश में आएगी तो हम आदिवासियों के लिए वनवासी शब्द का इस्तेमाल बंद कराएंगे। उन्हें उनके अधिकार दिलाएंगे।
अंग्रेजों की मदद आरएसएस ने की
राहुल गांधी ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि टंट्या मामा, बिरसा मुंडा को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ाया और आरएसएस ने अंग्रेजों की मदद की। कांग्रेस ने हिन्दूस्तान से अंग्रेजों को भगाया। तब आरएसएस अंग्रेजों के साथ खड़ी थी। उन्होंने कहा कि आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार मध्य प्रदेश में होते है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि मध्य प्रदेश में यात्रा शुरू होगी तो वे टंट्या मामा की जन्मस्थल पर जाना चाहते थे। यह उनका आग्रह नहीं था, निर्देश थे। हमें खुशी है कि राहुल उनकी जन्मस्थली पर आए।