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गुजरात में राहुल और केजरीवाल के बीच ज्यादा से ज्यादा मुफ्त रेवड़ियां बांटने की होड़

राहुल गांधी ने गुजरात में अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर किसानों का तीन लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने, एलपीजी सिलेंडर की मौजूदा कीमत 500 रुपये करने, किसानों को मुफ्त बिजली और आम उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया है।

गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले विभिन्न राजनीतिक दल राज्य की जनता को मुफ्त की सौगातें देने के वादे कर रहे हैं और तमाम तरह की गारंटियां भी दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी जहां गुजरात मॉडल से बेहतर दिल्ली मॉडल को बताते हुए कई लुभावने वादे कर रही है तो वहीं एआईएमआईएम के असद्दुदीन ओवैसी गुजरात के मुस्लिमों से भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ एकजुट होकर अपनी अलग पहचान बनाने की अपील कर रहे हैं। उधर, लगभग तीन दशकों से राज्य की सत्ता संभाल रही भाजपा जनता से अपील कर रही है कि भ्रम फैलाने वाले लोगों की बातों में नहीं आयें और उन्हें ही चुनें जोकि हर सुख-दुख में साथ खड़े रहते हैं।

इस बीच, कांग्रेस ने भी गुजरात में अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत मुफ्त की सौगातें देने के वादे से की है। कांग्रेस को शायद लग रहा है कि आम आदमी पार्टी जैसे मुफ्त बिजली पानी के वादे के साथ दिल्ली और पंजाब की सत्ता में आई वैसा करके कांग्रेस भी गुजरात और हिमाचल में सत्ता हासिल कर सकती है। इसीलिए हिमाचल प्रदेश में मुफ्त की सौगातें देने का वादा करने के बाद अब कांग्रेस ने गुजरात की जनता से भी एक से बढ़कर एक वादे कर दिये हैं।

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हम आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात में अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर राज्य में किसानों का तीन लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने, एलपीजी सिलेंडर की मौजूदा कीमत 1,000 रुपये के बजाय 500 रुपये करने, किसानों को मुफ्त बिजली और आम उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया है। अहमदाबाद में ‘परिवर्तन संकल्प रैली’ को संबोधित करते हुए गांधी ने गुजरात के लोगों के लिए कई वादे किए, जिसमें 10 लाख नयी नौकरियों का सृजन, अंग्रेजी माध्यम के 3,000 स्कूलों का निर्माण और लड़कियों को मुफ्त शिक्षा शामिल है। राहुल गांधी ने वादा किया कि ‘‘मैं हमारी पार्टी के गुजरात में सत्ता में आने के बाद प्रत्येक किसान का तीन लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा करता हूं।’’

बहरहाल, राहुल गांधी ने गुजरात की जनता से बड़े-बड़े वादे तो कर दिये हैं लेकिन उन्हें यह भी देखना चाहिए कि उनकी पार्टी की छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार ने अपने कितने चुनावी वादे पूरे किये हैं। फिलहाल यदि गुजरात की ही बात करें तो यहां एक तरह से राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच इस बात की होड़ दिखाई दे रही है कि कौन ज्यादा से ज्यादा मुफ्त रेवड़ियां बांट सकता है।

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