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8 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला कातिल: 5 बच्चों पर लेट गई गर्भवती मां, कोई नहीं बचा, पढ़िए राघोपुर नरसंहार की खौफनाक कहानी ?

आग की सलाख़ों में जिंदा जलता परिवार: राघोपुर नरसंहार की दहला देने वाली दास्तान”

8 लोगों को जिंदा जला दिया गया… क्योंकि उन्होंने भैंस चोरी का केस वापस नहीं लिया था

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: 31 दिसंबर 2005, जब दुनिया नए साल के जश्न की तैयारी में थी, बिहार के वैशाली ज़िले के एक छोटे से गांव ‘रामपुर श्यामचंद’ में रात के सन्नाटे को चीखें, बारूद की गंध और जलती मांस की बदबू ने चीर दिया।

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: साढ़े 11 बजे करीब 15 से ज्यादा लोग विजेंद्र महतो के घर पर धावा बोलते हैं—हाथों में बंदूक, पेट्रोल के गैलन, लाठी और क्रूरता की नीयत लिए। सिर्फ इसलिए, क्योंकि विजेंद्र ने भैंस चोरी का केस वापस नहीं लिया।

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: कुछ छत पर चढ़े और पेट्रोल उड़ेलने लगे। कुछ ने बरामदे में सोए विजेंद्र को पकड़ लिया, छाती पर चढ़कर कूदे, मारा और रस्सी से बांधकर आग के हवाले कर दिया।

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: अधजले शरीर में बचा आखिरी दम लेकर विजेंद्र किसी तरह भाग निकला, पर पीछे जो कुछ रह गया… वो इतिहास की सबसे अमानवीय रात बन गई।

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: उस घर में एक गर्भवती महिला थी—चार महीने के शिशु के साथ। पाँच मासूम बच्चे थे, जो दरवाजे के पीछे चीखते रहे—”कोई है क्या… हमें बचा लो”। पर हमलावर बंदूकें ताने खड़े रहे। दरवाजा नहीं खुला, दया नहीं आई। सब कुछ राख हो गया।


जांच में मिली लापरवाही, केस में हुई साजिश

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: सुबह तक भी पुलिस गांव नहीं पहुँची। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुद हस्तक्षेप करना पड़ा। स्थानीय थाना प्रभारी सस्पेंड किए गए और नए अधिकारी अंजनी कुमार नियुक्त हुए। पर अपराधी इतने रसूख वाले थे कि महीनों तक पुलिस उनकी परछाई तक नहीं पकड़ पाई।

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: 13 अप्रैल 2006 को पुलिस ने चाल चली—गिरफ्तार 6 आरोपियों में से दो को ‘मुख्य अभियुक्त’ बना चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। लेकिन जब कोर्ट में अधमरे विजेंद्र महतो को व्हीलचेयर पर लाया गया, तो उसने हकीकत बयां कर दी—”जगत राय और विपत राय असली गुनहगार हैं।”


कोर्ट में इंसाफ की चीखें—और जज का दहला देने वाला फैसला

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: सुनवाई 3 साल तक चली। सरकारी वकील आजम हुसैन ने जो दलील दी, उसने अदालत की दीवारों को भी कंपा दिया—“उस रात जब दुनिया खुशी मना रही थी, उस घर में एक मां अपने बच्चों को बचाने के लिए उन पर लेट गई। सब जलते रहे। कोई नहीं बचा।”

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: 12 साल की नीलम भागी, पर उन्हें भी आग में झोंक दिया गया। गवाहों की लंबी कतार, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, फोरेंसिक सबूत, सब एक ही बात कह रहे थे—ये नरसंहार था। शॉर्ट सर्किट नहीं, पेट्रोल से भरा नरक।

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: 17 सितंबर 2009 को कोर्ट ने जगत राय, विपत राय और बच्चा बाबू राय को दोषी ठहराया। 13 दिन बाद सजा सुनाई गई—फांसी। जज उपेंद्र भूषण मिश्र ने कहा: “ऐसी वहशियाना हरकत इंसान नहीं, शैतान ही कर सकता है।”

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: उस मां के शरीर के नीचे जब बच्चे जले, तो उनके कंकाल भी इस मुद्रा में थे कि मानो अब भी वो मां उन्हें आग से बचाने की कोशिश कर रही हो।


फैसला सर्वोच्च तक पहुंचा, लेकिन आज भी इंसाफ अधूरा है

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने फैसले को बरकरार रखा। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी। लेकिन तकनीकी खामी के नाम पर डेथ वारंट पर रोक लग गई। आज 20 साल बाद भी तीनों दोषी भागलपुर जेल में हैं, लेकिन फांसी नहीं हुई।

बाकी पांच आरोपी अब भी फरार हैं। और…
Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand:
विजेंद्र का इकलौता बेटा पंकज, जो उस रात दिल्ली में था, आज गांव में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा है। सरकार ने घर बनवाया, लेकिन नौकरी नहीं दी। धमकियां आज भी आती हैं—जगत के परिवार की ओर से।


नरसंहार का जिंदा जख्म

Raghopur Massacre Story; Vijendra Mahto Family Burnt Alive | True Crime Mrityudand: राघोपुर नरसंहार कोई बस ‘केस’ नहीं है। यह उस भारत की कहानी है जहां एक भैंस चोरी की शिकायत 8 जिंदगियों की कीमत बन जाती है। यह उस व्यवस्था का आईना है जो सब कुछ देखती है, फिर भी वक्त पर कुछ नहीं करती। यह उस इंसाफ की तस्वीर है, जो अब भी अधूरी है।

यह सिर्फ नरसंहार नहीं था… यह इंसानियत का जलता हुआ कफन था।

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