

ग्रामीण का शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचे परिजन।
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छत्तीसगढ़ में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बीजापुर में एक दिन पहले हुई इस मुठभेड़ के दौरान क्रॉस फायरिंग में एक ग्रामीण की मौत हो गई है। अफसरों का कहना है कि ग्रामीण एंबुश में फंस गया था। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि नक्सली मुठभेड़ हुई ही नहीं। सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों पर गाली चलाई है। वहां नक्सली मौजूद नहीं थे। दूसरी ओर बीजापुर दौरे पर पहुंचे आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि अगर गलत हुआ है तो जांच होगी। जो दोषी हैं, बख्शे नहीं जाएंगे।
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एक दिन पहले हुई थी मुठभेड़
दरअसल, बीजापुर-सुकमा बार्डर पर तर्रेम थाने से करीब आठ किमी दूर गुंडेम के जंगलों में मंगलवार शाम सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। करीब 40 मिनट तक दोनों ओर से फायरिंग चलती रही। अफसरों का दावा है कि इस मुठभेड़ में नक्सली अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। साथ ही कई नक्सलियों के घायल होने और कुछ के मारे जाने का भी दावा किया गया। यह भी बताया था कि मौके से विस्फोटक पदार्थ, डेटोनेटर, नक्सल कैंप की सामग्री और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद हुई हैं।
गोली की आवाज सुनकर घर से भागा
इस मुठभेड़ के बाद कुरसम पारा गांव निवासी पूनेम लखमू के मारे जाने का मामला सामने आया। गुरुवार को पूनेम का शव जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया। पूनेम के बेटे संतोष और भतीजे पूनेम हूंगा ने बताया कि मंगलवार रात करीब 3 बजे सुरक्षा बलों की टुकड़ी गांव में पहुंची थी। गोलियों की आवाज से गांव में अफरातफरी मच गई थी। इस दौरान घर में सो रहा पुनेम लखमू जंगल की तरफ भाग रहा था। आरोप लगाया कि तभी जवानों ने उस पर गोली चला दी। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
अफसर बोले- नक्सली एंबुश में फंसकर लगी गोली
वहीं दूसरी ओर एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने कहा कि 9 फरवरी 2023 को तर्रेम थाने में यह सूचना प्राप्त हुई है कि मुठभेड़ के दौरान गुंडम गांव निवासी पुनेम लखमू (48) फायरिंग का आवाज सुनकर अपने घर से भागते समय माओवादियों के एंबुश प्वाइंट में फंस गया। इसके चलते उसे गोली लग गई और बाद में मौत हो गई। सूचना की तस्दीक करते हुए पुलिस ने गांव से मृतक पुनेम लखमू के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लेकर आई। यहां कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
जवानों पर हमले के लिए नक्सलियों ने लगाया था एंबुश
एएसपी चंद्रकांत ने बताया कि मुठभेड़ के बाद सर्चिंग के दौरान घटनास्थल से कुछ व्यक्तियों को संदिग्ध परिस्थिति में पाया गया था। उन्हें पूछताछ के लिए थाने लाया गया। पूछताछ से पता चला कि माओवादियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन के कमांडर उधम सिंह और उसके साथियों ने सर्चिंग पर निकली हुई डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा के जवानों पर हमले के लिए एंबुश लगाया था। जवानों के पहुंचते ही फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में नक्सली भाग गए। संभवतः मुठभेड़ में नक्सलियो के 02-03 कैडर को गोली लगने से घायल हुए हैं।