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महिला कांस्टेबल करेगी लिंग परिवर्तन: अब बनेगी पुरुष, सरकार ने जेंडर चेंज करने दी अनुमति

Police constable of MP will become male from female: मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने रतलाम जिले में पदस्थ महिला पुलिस आरक्षक को लिंग परिवर्तन की अनुमति दी है. वह बचपन से ही जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर से ग्रसित है. यह मंजूरी दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. राजीव शर्मा की सलाह पर दी गई है.

इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश भी जारी कर दिये हैं. इससे पहले वर्ष 2021 में भी निवाड़ी जिले में पदस्थ महिला पुलिस आरक्षकों को लिंग परिवर्तन की अनुमति दी जा चुकी है. मध्य प्रदेश में इस तरह का ये दूसरा मामला है.

जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर से पीड़ित थी

दरअसल महिला आरक्षक को बचपन से जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर ( Gender Identity Disorder) की समस्या थी और इसकी पुष्टि राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सकों की ओर से भी की गई थी. इसलिए संबंधित महिला आरक्षक की ओर से लिंग परिवर्तन कराने के संबंध में विधिवत आवेदन, शपथ पत्र और भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के आधार पर प्रदेश पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था. जिस पर आज आदेश जारी हो गए है.

जेंडर बदलने की स्वतंत्रता हैं

गौरतलब है कि देश में किसी भी नागरिक को उसके धर्म या जाति पर ध्यान दिए बिना अपने स्वयं के जेंडर (लिंग) के चयन की स्वतंत्रता है. इसके तहत विधि विभाग से परामर्श के बाद गृह विभाग की ओर से पुलिस मुख्यालय को अनुमति दी है.

क्या होता है जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर

जेंडर डिस्फोरिया(Gender dysphoria) वह स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति को यह महसूस होता है कि उसका प्राकृतिक लिंग उसके लैंगिक पहचान से मेल नहीं खाता. बच्चे के शरीर की बनावट के आधार पर जन्म के समय प्राकृतिक लिंग नियुक्त होता है. लैंगिक पहचान वह है जैसा एक व्यक्ति अपने को ”पहचानता है” या स्वयं को महसूस करता है.

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