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पीएम मोदी ने की छत्तीसगढ़ के मिलेट कैफे की तारीफ: कहा- ‘मौका मिले तो चीला का स्वाद लेने जरूर जाएं रायगढ़’

पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में रायगढ़ के मिलेट कैफे की जमकर तारीफ की

पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में रायगढ़ के मिलेट कैफे की जमकर तारीफ की
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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मिलेट कैफे को लेकर सीएम भूपेश बघेल के प्रयास की आज देशभर में तारीफ हो रही है। छत्तीसगढ़ का मिलेट कैफे कुछ ही महीनों में देशभर में अपनी विशेष पहचान बना ली है। लोग यहां के मिलेट कैफे में बने लजीज व्यंजन का जमकर स्वाद ले रहे हैं। खूब तारीफ कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आज रायगढ़ के मिलेट कैफे की प्रशंसा की। राज्य सरकार की ओर से मिलेट कैफे को बढ़ावा देने की पहल को सराहा। 

इस दौरान उन्होंने कहा कि रायगढ़ के नटवर स्कूल के पास एक मिलेट कैफे चल रहा है। यूं तो कई खूबियों के कारण यह अपने आप में अनूठा कैफे है। इस कैफे में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों से बने लजीज व्यंजन परोसे जाते हैं। जिसमें स्वाद के साथ सेहत की जुगलबंदी होती है। इस कैफे को प्रदेश के पहले मिलेट कैफे होने का गौरव हासिल है, जिसके संचालन का जिम्मा पूरी तरह महिलाओं के हाथों में है। आज इसकी पहचान में एक नई खासियत जुड़ गई है। 

पीएम ने कहा- मिलेट कैफे जाकर व्यंजनों का लें आनंद’

उन्होंने देशवासियों से कहा कि जब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जाने का मौका मिले, तो मिलेट कैफे जाकर वहां के व्यंजनों का आनंद जरूर उठाएं। इस कैफे में रागी से बने पास्ता, चीला, इडली, मंचूरियन, मोमोज, पिज्जा, नूडल, दोसा, कोदो से बनी बिरयानी का स्वाद लिया जा सकता है ।

छत्तीसगढ़ का पहला मिलेट्स कैफे साल 2022 में खुला

पीएम मोदी ने कहा कि रायगढ़ में छत्तीसगढ़ का पहला मिलेट्स कैफे साल 2022 में खोला गया था।  स्वाद के साथ सेहत की कॉम्बो डील रायगढ़वासियों को मिल रही है। पीएम मोदी ने इस कैफे की खासियत बताते हुए कहा कि यहां रागी से बने पास्ता, चीला, इडली, मंचूरियन, पिज्जा, नूडल, पकोड़े, समोसे, दोसा, कोदो से बनी बिरयानी के साथ ही सैंडविच, शेक्स, बर्गर का स्वाद लिया जा सकता है। 

बिलासपुर के संजीव शर्मा का किया जिक्र

‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने बिलासपुर के संजीव शर्मा के बारे में भी देशवासियों को बताया। कहा कि, प्राकृतिक खेती से जुड़े संदीप शर्मा के FPOसे 12 राज्यों के किसान जुड़े हैं। बिलासपुर का FPO 8 प्रकार के मिलेट्स का आटा और उसके व्यंजन बना रहा है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिलेट्स कैफे खोलने की सलाह भी दी थी। हालांकि, प्रदेश में मिलेट्स मिशन की शुरुआत 1 दिसंबर 2021 से शुरू हो गई थी। 

जानें कैसे बनते हैं मिलेट्स के व्यंजन

मिलेट्स से रागी खीर, लड्डू, माल्ट, केक, सेवईं, ईडली, हलवा, पुलाव, कुटकी खीर, कुटकी चाय, जैम, कोदो खीर, ज्वार चॉकलेट, ब्राउनी बनाए जाते हैं। कोदो और कुटकी को मुख्य भोजन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में वर्ष 2023 को मनाया जा रहा 

बता दें कि मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री  बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ मेंरागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों और लघु धान्य फसलों की पैदावार बढ़ाने, इनकी खरीदी की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करने और इनकी प्रोसेसिंग कर इन्हें शहर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मिशन-मिलेट शुरू किया गया है। 

कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय 

राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है। प्रदेश के 14 जिलों को इस मिशन में शामिल किया गया है। इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू किया गया है। एमओयू के अंतर्गत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने, तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता और सीड बैंक की स्थापना के लिए सहयोग और मार्गदर्शन दे रहा है।

समर्थन मूल्य पर की जा रही है खरीदी 

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है। मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों और मीडिया के लिए मिलेट्स से बने व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए दोपहर भोज का भी आयोजन किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में मिलेट कैफे भी प्रारंभ हो चुका है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।

सदियों पुराने सेहतमंद-खानपान की शैली को प्रोत्साहन

कई पीढिय़ों से रागी, कोदो जैसे अनाज हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था, लेकिन आज इनका उपयोग सीमित हो गया है। ये अनाज सेहत के लिए जरूरी बहुत से पोषक तत्वों से युक्त होते हैं। इस कैफे से लोगों को इन अनाजों से तैयार व्यंजन के रूप में सेहतमंद विकल्प मिलेंगे। इस मिलेट कैफे की शुरुआत मई 2022 में की गई है। 

महिला उद्यमिता को मिल रहा है बढ़ावा

इस कैफे की शुरुआत जिला प्रशासन की पहल व सहयोग से हुआ है। इसका संचालन विकास संघ महिला समूह की ओर से किया जा रहा है। इसमें तकनीकी सहयोग महिला बाल विकास विभाग और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन द्वारा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में पहली बार महिला स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला समूहों के लिए मिलेट्स आधारित कैफे की शुरुआत की गई है।

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