PM Modi dream project bad state Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ और केंद्र की मोदी सरकार दोनों सरकारों का नवा चार पर फोकस है। 2018 में पहली बार स्टार्टअप के लिए रायपुर मेंं 36 आईएनसी इन्क्यूबेशन सेंटर की शुरुआत हुई। नीति भी बनी। तब छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर था। आज स्टार्टअप के हाल खराब हैं। बड़ी कंपनियां प्रदेश से जा रही हैं। इस सीरीज में पढ़िए कि कैसे स्टार्टअप का बंटाधार हो रहा है।
PM Modi dream project bad state Chhattisgarh: पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का छत्तीसगढ़ में हाल-बेहाल है। प्रदेश का पहला इक्यूबेशन सेंटर 36 आईएनसी सिटी सेंट्रल मॉल रायपुर में संचालित हैं। मॉल का मेंटेनेंस न देने से इसका पानी बंद कर दिया गया है। वाई-फाई, सर्वर और सीसीटीवी पहले से बंद हैं। दो लिफ्ट में से एक कभी-कभार चलती है।
दूसरी स्थायी तौर पर बंद कर दी गई है। एक समय यहां स्पेस लेने के लिए कतार लगती थी। 350 कुर्सियां भरी रहती थीं। अब 110 लोग ही यहां आते हैं। 127 स्टार्टअप रजिस्टर्ड हैं। लेकिन सिर्फ 25 ही यहां काम कर रहे हैं। ये भी एक-एक कर छोड़ने की तैयारी में है।
PM Modi dream project bad state Chhattisgarh: दरअसल, 36 आईएनसी देश में दूसरा एरिया वाइज सबसे बड़ा इन्क्यूबेशन सेंटर था। 2018 में जब शुरुआत हुई तो 25 स्टार्टअप एक साथ आए। इससे स्टार्टअप के मामले में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया। उस समय आईआईएम रायपुर के प्रोफेसर राजीव रॉय को पहला सीईओ बनाया गया।
PM Modi dream project bad state Chhattisgarh: जून 2019 में वे चले गए। तब से चिप्स के एडिशनल सीईओ को इसका प्रभारी बना दिया गया। सरकार बदली और कांग्रेस काल से परिपाटी चली आ रही है। राज्य सरकार ने इस बार स्टार्टअप को 9 करोड़ रुपए का बजट दिया है, लेकिन इसे आज तक नहीं निकाला गया।
ये भी बड़ी वजह
36 आईएनसी केवल एक कोवर्किंग स्पेस नहीं था। उद्यमिता संबंधी समस्त ज्ञान एवं संसाधन उपलब्ध कराने के ध्येय से इसकी शुरुआत की गई थी। स्थापना के शुरुआती दिनों में ही पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस कर इस सेंटर के स्टार्टअप और अधिकारियों से चर्चा की थी।
2019 के बाद से सब कुछ बंद हो गया है। यही वजह है कि सोशल सेलर नाम की बड़ी स्टार्ट कंपनी कुछ दिन पहले यहां से छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट हो गई। हाथ धोने के लिए कंटेनर में भरकर रखते हैं पानी।
पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बेहाल… देनदारी में दब रहा सेंटर
स्टार्टअप का बंटाधार
इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक ने बताया कि 36 आईएनसी के लिए नवा रायपुर में नई व्यवस्था की जा रही है। इसमें सब सुविधाएं होंगी। स्टार्ट अप को अच्छा वातावरण मिलेगा।
सरल एप में काम करने वाली स्वर्णा बताती हैं कि यहां लिफ्ट बंद ही रहती हैं। सीसीटीवी कैमरे भी बंद हैं। शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती है। यहां खुद का वाई-फाई लगाकर काम चल रहा है। समस्याएं अधिक होने की वजह से हम लोग इसे बदलने का प्लान कर रहे हैं।
एक्वालीगल सर्विसेस के राकेश के अनुसार 2019 में से हम लोग यहां हैं। हमारा स्टार्टअप यहीं से शुरू हुआ और आज प्रदेश में बड़ा नाम बन चुका है। लेकिन, यहां की समस्याओं को देखते हुए हम लोग इसे छोड़कर जाने का प्लान कर रहे हैं, क्योंकि यहां सुविधाओं की कमी है।
कोड नाइसली साफ्टवेयर सर्विसेस में काम करने वाली शताब्दी बताती हैं कि दो महीने से किचन-बाथरूम का पानी बंद हैं। मॉल ने पाइप लाइन काट दी है। यश शर्मा बताते हैं कि टायलेट के लिए लोगों को मॉल के अंदर जाना होता है। हाथ धोने के लिए कंटेनर में पानी भरकर रखते हैं।
PM Modi dream project bad state Chhattisgarh: 2018 में पहला सरकारी इन्क्यूबेशन सेंटर सिटी सेंट्रल मॉल में खोला गया। तब मॉल आरडीए के अधीन था। उसने सेंटर के लिए 32 हजार वर्गफीट एरिया अलॉट किया था। सेंटर चिप्स के अधीन संचालित हो रहा है।
PM Modi dream project bad state Chhattisgarh: आरडीए ने 22 रुपए प्रति स्क्वॉयर फीट किराया तय कर रखा है। 2020 तक आरडीए को किराया दिया गया, लेकिन कोविड के बाद से सेंटर ने किराया देना बंद कर दिया। यह दो करोड़ रुपए के करीब हो चुका है। 2023 में मॉल को कोलकता के आरडीबी ग्रुप ने खरीद लिया, लेकिन विरोध पर 36 आईएनसी का हिस्सा नहीं बिका।
PM Modi dream project bad state Chhattisgarh: मॉल ने सेंटर पर मेंटनेंस चार्ज 42 रुपए प्रति स्कवॉयर फीट तय कर दिया। सेंटर ने एक भी महीने का मेंटनेंस नहीं दिया। अब यह करीब 2 करोड़ रुपए हो गया है। मेंटनेंस न मिलने की वजह से कभी एसी बंद कर दी जाती है तो कभी लाइट काट दी जाती है।
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