Petition of cement businessman Natwarlal in Chhattisgarh High Court: ‘जज साहब! मेरा नाम नटवर लाल है, लेकिन मैं जालसाज नहीं हूं। जालसाजों को नटवर लाल नहीं कहना चाहिए। नटवर भगवान कृष्ण का नाम है। जालसाजी और 420 में नटवर लाल का इस्तेमाल भगवान कृष्ण का अपमान है। इससे मेरे जैसे भक्तों को ठेस पहुंच रही है।’ यह कहना है रायगढ़ के सीमेंट कारोबारी नटवर लाल का।
उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा है कि क्या नटवर लाल नाम रखना अपराध है? याचिका में उन्होंने जालसाजी, धोखाधड़ी या जालसाजी के मामलों में नटवर लाल जैसे नामों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। नटवर लाल नाम होने की वजह से उन्हें निजी पीड़ा होती है।
उन्हें समाज में अपमान का सामना करना पड़ता है
याचिका में कहा गया है कि नटवर लाल जैसे नाम अपराधियों से जुड़े होने की वजह से उन्हें समाज में अपमान का सामना करना पड़ता है। इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि वे कारोबारी हैं। कारोबार और समाज में उनका सम्मान है।
मीडिया में ऐसे नाम आने पर उन्हें निजी पीड़ा होती है। जालसाजों या जालसाजों की गलत मंशा के कारण उनका अच्छा नाम बदनाम हो रहा है। उनके जैसे और भी कई नामधारी होंगे। उन्हें भी इस तरह से उनके नाम का प्रचार होने पर दुख हो रहा होगा।
याचिकाकर्ता ने कहा है, नटवर लाल नाम लेते ही लोगों के सामने जालसाज या धोखेबाज की छवि आ जाती है। यह स्वाभाविक भी है। इसे इतना प्रचारित और प्रसारित किया गया है कि इस नाम को लेते ही लोग मान लेते हैं कि यह जालसाज या जालसाज है।
यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन है
याचिकाकर्ता ने कहा है कि नटवर भगवान कृष्ण का नाम है। उन्हें नटवर नागर के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह के नाम का इस्तेमाल भगवान कृष्ण का अपमान है। इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत होती हैं और भक्तों को ठेस पहुंचती है।
याचिकाकर्ता ने मीडिया में नटवर लाल नाम का गलत संदर्भ में इस्तेमाल बंद करने की अपील की है। इसके लिए उन्होंने चालाक जालसाज मिथलेश श्रीवास्तव का मामला भी बताया है। कहा जाता है कि नटवर लाल के नाम से सबसे पहले उन्हें ही संबोधित किया गया था। किसी के नाम का किसी भी संदर्भ में इस्तेमाल करना मौलिक अधिकारों का हनन है।
फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन का जिक्र
याचिका में इस बात का भी जिक्र है कि अमिताभ बच्चन से जुड़े हालिया मामले में किसी भी व्यक्ति के नाम, चेहरे और आवाज का बिना उसकी अनुमति के इस्तेमाल करना उसके मौलिक अधिकारों का हनन माना गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि 50 साल पहले मेरे माता-पिता ने मेरा नाम भगवान कृष्ण से जुड़े नाम नटवर के नाम पर रखा था। लेकिन, इस नाम के गलत प्रस्तुतीकरण के कारण दशकों बाद नटवर लाल नाम को ठग होने के संदेह से देखा जाने लगा है।
इसके अनुसार वे एक छवि भी बनाने लगे हैं। याचिकाकर्ता ने धारा 19 (2) और धारा 21 के तहत ऐसी घटनाओं में नटवर लाल जैसे नामों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई के लिए पंजीकृत कर लिया है।
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