जैतहरी मोजर बेयर कंपनी की दूसरी यूनिट का विरोध: न रोजगार मिल रहा न सही मुआवजा, पर्यावरण प्रदूषण-पुनर्वास नीति का भी पालन नहीं, जनपद सदस्य ने की कलेक्टर से शिकायत

Opposition to second unit of Anuppur Jaithari Moser Baer Company: अनूपपुर के जैतहरी स्थित मोजर बेयर कंपनी की दूसरी यूनिट लगने वाली है। जिसका विरोध शुरू हो गया है। आरोप है कि, आदर्श पुनर्वास नीति साल 2002 के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। विस्थापित परिवार के लोगों को नौकरी नहीं मिली।
सही तरह से मुआवजा भी नहीं मिला है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। इसे लेकर जनपद पंचायत जैतहरी के वार्ड क्रमांक-19 जनपद सदस्य चंद्रप्रकाश जायसवाल ने 7 मई को कलेक्टर हर्षल पंचोली को पत्र लिखा है। जिसमें अपनी मांगों और शिकायतों पर एक्शन लेने की मांग की है।

चलिए बताते हैं कि इनकी क्या कुछ मांगें हैं ?
पुनर्वास नीति 2002 के तहत कंडिका 03 के 1(8) में परियोजना के निर्माण और अन्य कार्यों में विस्थापित परिवारों में उपलब्ध कौशल के आधार पर नौकरी देने की प्राथमिकता है। नियुक्ति पत्र के साथ अभी तक किसी को नौकरी नहीं दी गई है। रोजगार के नाम पर एक व्यक्ति को ठेकेदारी के रेट से रोजगार दिया गया है।
पुनर्वास नीति में कहीं भी नहीं लिखा गया है कि, विस्थापित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। इसलिए विस्थापित परिवार के सभी सदस्यों को योग्यता के आधार पर नियुक्ति पत्र के साथ स्थायी नौकरी दी जाए। मध्यप्रदेश आदर्श पुनर्वास नीति 2002 की कण्डिका 18 के अनुसार संयुक्त खाता में 18 साल से ऊपर हर वयस्क सदस्य को एकल परिवार मानते हुए अलग खाते के रूप में चिन्हित करते हुए लाभ प्रदान किया जाए।

सही मुआवजा दिया जाए
मध्यप्रदेश शासन और मोजर वेयर कम्पनी ने सन 2009 में अधिग्रहण किए गए भूमि जिसका लगभग 70000 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया, जो सर्वथा अनुचित है। अनुच्छेद 31 (क), 300 (क) राज्य द्वारा अधिग्रहीत ऐसी भूमि जिसका उपयोग कोई व्यक्ति सांविधिक निर्धारित सीमा के अन्दर और फसल उत्पादन के लिए उपयोग कर रहा होगा तो बाजार मूल्य के अनुसार क्षति पूर्ति देगा।
मध्यप्रदेश आदर्श पुनर्वास नीति 2002 की कण्डिका ३ (अ) में जमीन का मुआवजा निजी कब्जे की जमीनों के मामले में संबंधित व्यक्ति भूमि का संभावित बाजार मूल्य मुआवजा दिया जाएगा। इसलिए सभी खातेदारों को बाजार मूल्य से मुआवजा दिया जाए।
पुनर्वास नीति 2002 की कण्डिका 23 में उल्लेखित है कि वे सभी भूमि जो प्रयोजन के लिए भू-अर्जन के आधार पर लेने के बाद 10 साल तक उसे उपयोग में नहीं लाई जाती है, तो सरकार को स्वमेव वापिस हो जाएगी या सरकार उन्हें बिना किसी अधिमूल्य दिये ले सकती है। यदि शासन को अर्जित भूमि की आवश्यकता न हो तो उसे भूतपूर्व धारक को वापस करने का प्रावधान आर.वी.सी. में है।
पेंशन भी दी जाए
वृद्धा पेंशन सिर्फ उन व्यक्तियों को दी जा रही है जिनकी उम्र धारा 04 के दिनांक को 60 साल या उससे अधिक हो चुके है। धारा 04 के बाद 60 साल पूर्ण कर चुके खाते धारकों को विधवा माताओं-बहनों को पेंशन का लाभ नहीं दिया जाता है। इसलिए उन्हें पेंशन का लाभ दिया जाए।
रोजगार भत्ता (नौकरी के नाम पर)
ई खाते धारकों को रोजगार या भत्ता नहीं दिया जा रहा है। जिन्हें दिया जा रहा है उन्हें यह राशि कम और अलग-अलग राशि के साथ दिया जा रहा है। कुछ लोगों को 2500, कुछ को 3200, कुछ को 8700 भत्ता दिया जा रहा है। भत्ते में एकरूपता है और न ही अलग-अलग भत्ता दिए जाने की कोई श्रेणी प्रकाशित है।
कुछ लोगों को नौकरी के नाम पर रोजगार दिया है। उनका 8700 से 9000 मासिक वेतन है, जो दिए जा रहे भत्ते के बराबर है। इसलिए वर्तमान महंगाई का ध्यान में रखकर और एकरूपता के साथ भत्ता दिया जाए कुशल अकुशल और अर्द्ध-कुशल श्रेणी बनाकर।
शिक्षाः पुनर्वास योजना बिन्दु 08 में प्रभावित खातेदारों के छात्र-छात्राओं (पुत्र-पुत्रियों) को कम्पनी द्वारा स्थापित विद्यालय में हाई स्कूल तक निःशुल्क शिक्षा दिए जाने का प्रावधान है। प्रावधान में कहीं पर भी खाते से केवल दो छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने का जिक्र नहीं है। प्रभावित खातेदारों के सभी बच्चों और जन्म ले रहे बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिया जाए।
कंपनी और सी.एस.आर. के तहत काम
कम्पनी सी.एस.आर. फण्ड से क्षेत्रीय विकास का कोई भी काम नहीं कर रही है, सिर्फ कागजों में पैसा खर्च किया जा रहा है। कम्पनी और सी.एस.आर. के तहत किए जा रहे कार्यों को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धार में लाने के संबंध में।
कंपनी फैला रही प्रदूषण
मोजर वेयर कंपनी की तरफ से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। कम्पनी हर साल खिरना नाला के माध्यम से (सोन नदी में मिलती है आगे चलकर) राखड़, मलवा, केमिकल युक्त पानी छोड़ता है। जिसकी शिकायत कम्पनी और प्रशासन से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मोजर वेयर कम्पनी की तरफ से अधिग्रहीत भूमि ग्राम पंचायतों को कोई भी कर (टैक्स) नहीं दी जा रही है। इसलिए शुरुआत से सभी ग्राम पंचायतों को कर (टैक्स) दिया जाए।
मोजरवेयर कंपनी में भूस्वामियों के रोजगार का मुद्दा विधानसभा में भी उठा था
इससे पहले मोजर वेयर जैतहरी प्रभू अर्जन के बाद भूस्वामियों के आश्रितों को रोजगार प्रदान नहीं किए जाने और मनमानी किए जाने के मामले को लेकर अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह ने विधानसभा में उठाते हुए इस पर मुख्यमंत्री से जवाब मांगा था। अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह ने मुख्यमंत्री से प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि हिंदुस्तान पावर प्लांट में भूअधिग्रहण के बाद कितने लोगों को रोजगार दिया गया।
नोट- यह लेख शिकायतकर्ता जनपद सदस्य चंद्रप्रकाश जायसवाल की शिकायत के आधार पर लिखी गई है।
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