ऑपरेशन सिंदूर: 26 मौतों के बदले 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए, पाकिस्तान पर 24 मिसाइलें दागी गईं, पुंछ के 10 की मौत, सिलसिलेवार पढ़िए कब क्या हुआ ?

Operation Sindoor Attack on Pakistan More than 100 terrorists killed: आखिरकार भारत ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर जवाबी कार्रवाई की। भारतीय वायुसेना ने मंगलवार रात 1:05 बजे पाकिस्तान और पीओके यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर हवाई हमला किया। इस हमले में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।
भारत की यह जवाबी कार्रवाई पहलगाम हमले के 15 दिन बाद की गई है और इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है। यह नाम उन महिलाओं को समर्पित है जिनके पतियों की 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हत्या कर दी थी। पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए तीनों सेनाओं की तारीफ की। ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा कि यह नया भारत है। पूरा देश हमारी तरफ देख रहा था। ऐसा होना ही था।
पाकिस्तान की गोलीबारी में 10 लोग मारे गए
पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा- भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी रातभर ऑपरेशन सिंदूर पर नजर रखते रहे। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में 10 लोग मारे गए।
आर्मी और एयरफोर्स ने दी जानकारी
सेना ने एयर स्ट्राइक के 9:30 घंटे बाद सुबह 10:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी और आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। सबसे पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई दिखाई गई।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि रात 1:05 बजे और 1:30 बजे के बीच ऑपरेशन हुआ। 25 मिनट में पाकिस्तान और पीओके में 9 टारगेट पहचाने गए थे। इन्हें हमने तबाह कर दिया। लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स टारगेट किए गए।
- पीओके में मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर के सवाई नाला ट्रेनिंग सेंटर को सबसे पहले निशान बनाया गया। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी।
- मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप। यहां हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी।
- कोटली का लश्कर का गुरपुर कैंप। पूंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हमला करने वाले आतंकी यहीं ट्रेंड हुए थे।
- भिम्बर का बरनाला कैंप। यहां हथियार चलाना सिखाया जाता है।
- कोटली का अब्बास कैंप। यह एलओसी से 13 किमी दूर है। यहां फिदायीन तैयार होते हैं।
- सियालकोट का सरजल कैंप। मार्च 2025 में पुलिस जवानों की हत्या के आतंकवादियों को यहीं ट्रेन किया गया था।
- सियालकोट का हिजबुल महमूना जाया कैंप। पठानकोट हमला यहीं प्लान किया गया।
- मुरीदके का मरकज तैयबा कैंप। अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली यहीं ट्रेन हुए थे।।
- मस्जिद सुभान अल्लाह बहावलपुर जैश का हेडक्वार्टर था। यहां रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग दी जाती थी। बड़े अफसर यहां आते थे।
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