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शिवराज सरकार का बड़ा फ़ैसला: MP में अब बोर्ड के पैटर्न पर होंगी 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं

भोपाल: अब तक आपने बोर्ड परीक्षा केवल दसवीं और बारहवीं में होती हुई देखी होंगी  लेकिन अब बोर्ड परीक्षा का यही पैटर्न अब मध्य प्रदेश में 5वीं और 8वीं के एगजाम में भी देखने को मिलेगा.जी हां मध्यप्रदेश के सभी स्कूलों में अब बोर्ड के पैटर्न पर 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं होंगी.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर आयोजित की जाएंगी. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य बच्चों को छोटी क्लास में ही बोर्ड पैटर्न के लिए तैयार करना है. आइये जानते हैं क्या है सरकार की तैयारी.

15,000 नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

सीएम ने भोपाल में बीएचईएल दशहरा मैदान में स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा  आयोजित 15,000 नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोंधितक करते हुए कहा कि ‘बच्चों का भविष्य गढ़ने का दायित्व शिक्षकों पर है.

शिक्षक बच्चों को जैसा गढ़ेंगे, देश और प्रदेश का निर्माण वैसा ही होगा. भारत के भाग्यविधाता विद्यार्थी हैं और विद्यार्थियों के निर्माता शिक्षक हैं. शिक्षकों के सम्मान और उन्हें प्रणाम करने के उद्देश्य से ही आज का यह कार्यक्रम किया गया है.उन्होंने इन परीक्षाओं के पैटर्न के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी.

शिक्षक बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले गुरु हैं

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों का मान-सम्मान बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘विद्यार्थियों की प्रतिभा के सम्पूर्ण प्रकटीकरण का दायित्व शिक्षकों पर है. शिक्षक नौकर नहीं, बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले गुरु हैं.

उनके मार्गदर्शन और उनके द्वारा दी गई शिक्षा का ही परिणाम होता है कि व्यक्ति, समाज के पथ प्रदर्शन में सक्षम हो पाता है.सीएम ने बताया कि इससे उनकी स्वाभाविक प्रतिभा प्रकट होती है. अपनी भाषा के गौरव को स्थापित करना आवश्यक है. हमें बच्चों को अंग्रेजी के भय से मुक्त करने की दिशा में भी कार्य करना है.

हर शिक्षक ले प्रण
सीएम शिवराज ने बताया कि ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना शिक्षा के मुख्य उद्देश्य हैं और विद्यार्थियों को नागरिकता के संस्कार देना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि शिक्षक यह प्रण लें कि उनके विद्यार्थी, देश भक्त, चरित्रवान, ईमानदार, कर्त्तव्य परायण, दूसरों की चिंता करने वाले, बालिकाओं और महिलाओं के प्रति सम्मान रखने वाले, माता-पिता का आदर करने वाले और असहाय की सहायता करने वाले बनेंगे. चौहान ने कहा, ‘विद्यार्थियों को उनकी भाषा में शिक्षा देना आवश्यक है.

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