गिरीश जगत, गरियाबंद। नई सरकार की नई खरीदी नीति में धान विक्रय के लिए सप्ताह भर पहले से टोकन कटाने का प्रावधान किया गया था। मकसद था काटे गए टोकन का सत्यापन करना। खरीदी शुरू हुए तीन दिन हुए हैं। इस तीन दिन में काटे गए टोकन का अब सत्यापन शुरू हो गया है।
NIC uploaded the production quantity in Gariaband: खरीदी पोर्टल में एनआईसी ने ग्राम वार अनावरी रिपोर्ट अपलोड कर दिया है, जिसमें औसत उत्पादन दर्शाया गया है। दर्ज रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने अब उन टोकन की सूची बना लिया है, जहां उत्पादन की मात्रा से अधिक टोकन काटे गए है।
NIC uploaded the production quantity in Gariaband: सूची के मुताबिक 69 केंद्र में 3465 टोकन की सूची बनाई गई है जो उत्पादन से ज्यादा मात्रा का टोकन कटाया है।इस सूची का अब सत्यापन होगा।
उत्पादन से ज्यादा मात्रा का काटा जाता था टोकन
सा प्रावधान कर के प्रशाशन ने बोगस खरीदी के खिलाफ ब्रह्मास्त्र चलाया है।क्योंकि धर पकड़ के लाखों प्रयास के बावजूद ओडिसा का धान रात दिन सीमावर्ती इलाके में इसलिए खपाया जाता रहा है ,ताकि उपज के अंतर की मात्रा की भरपाई हो सके।
लोड रिपोर्ट के मुताबिक देवभोग तहसील के खरीदी केंद्रों के अधीन आने वाले गांव की उत्पादन 8 से 11 क्विंटल प्रति एकड़ है।बावजूद इसके प्रत्येक किसान शासन द्वारा निर्धारित 21 क्विंटल विक्रय के लिए टोकन कटाया है।
सरकारी कोष में होगी बचत
NIC uploaded the production quantity in Gariaband: उत्पादन के अनुपात में खरीदी का यह फार्मूला अंतिम समय तक टिका रहा तो इससे सरकारी खजाने में धान खरीदी के चलते पड़ने वाले अतरिक्त भार से राहत मिलेगा।
NIC uploaded the production quantity in Gariaband: दिन रात अफसर कर्मी अवैध परिवहन रोकने भिड़े हुए है। उत्पादन के अनुरूप खरीदी हुई तो अतरिक्त मात्रा की जरूरत नहीं पड़ेगी।ऐसे में ओडिसा से होने वाले आपूर्ति पर स्वमेव लगाम लग जाएगा।
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