Naxalites said 5249 Naxalites died in 20 years 3090 soldiers martyred: देशभर में 2004 से 2024 तक 5249 नक्सली मारे गए हैं। इनमें 1000 महिला माओवादी भी शामिल हैं। पुलिस की आक्रामकता के कारण नक्सली संगठन कमजोर हुआ है। नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने 25 पन्नों की पुस्तिका जारी कर 20 साल के अपने लाभ-हानि का जिक्र किया है।
नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने बताया कि बस्तर के बुरकापाल, टाहकवाड़ा, झीरम घाटी, मीनपा समेत महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड समेत कई राज्यों में छोटी-बड़ी कुल 4073 घटनाएं हुईं। जिसमें कुल 3090 जवान शहीद हुए और 4077 जवान घायल हुए। जवानों से 2365 आधुनिक हथियार और 1 लाख 19 हजार 682 कारतूस लूटे गए।
20 साल में 22 बड़े नक्सलियों ने गंवाई जान
20 साल में 22 बड़े नक्सलियों ने जान गंवाई। इनमें 8 पोलित ब्यूरो सदस्य भी शामिल हैं। इसके अलावा 48 एसजेडसी, एससी सदस्य, 14 आरसी सदस्य, 167 डीवीसी सदस्य, 26 सब जोनल कमेटी सदस्य, 505 एसीएम और पीपीसी सदस्य, 887 पीएलजीए सदस्य और 3596 लड़ाके शामिल हैं। वर्ष 2021 से 2024 के बीच 261 जवान शहीद हुए। 516 जवान घायल हुए। 25 आधुनिक हथियार लूटे गए।
जवान कर रहे हैं घेराबंदी, संगठन की मुश्किलें बढ़ी
नक्सलियों की इस पुस्तिका के 14वें पन्ने पर लिखा है कि, हमारे इलाके में 1500 से 3000 और कभी-कभी इससे भी ज्यादा जवान भेजे जाते हैं। जवान 20 से 25 गांवों को घेर लेते हैं। 12 से 15 किलोमीटर के दायरे पर कब्जा कर लेते हैं।
उन्होंने बताया कि, जवान घेरा डालो, खोजो और मारो का नियम अपनाकर काम कर रहे हैं। जिससे नक्सल संगठन को भारी नुकसान हो रहा है। पार्टी के काम में बाधाएं आ रही हैं। खतरा बढ़ गया है।
नक्सलियों ने माना कि वे मजबूती से नहीं लड़ पाए
नक्सलियों ने संगठन को हुए नुकसान की भी समीक्षा की है। 2004 से 2011 तक नक्सली संगठन द्वारा किए गए सभी हमले सफल रहे। तब तक वे काफी मजबूत थे। नक्सलियों की समीक्षा में पुलिस आक्रामक हो गई है।
जिसके चलते उनके लाल लड़ाकों ने सरेंडर कर दिया है। उन्होंने पुलिस के आक्रामक होने और मजबूती से नहीं लड़ने का जिक्र किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि 21 सितंबर से 20 अक्टूबर तक संगठन का 20वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा।
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