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Navratri 2023: मैहर वाली माता के दर पर भक्तों की कतार, 15 दिनों तक चलेगा मेला, सुरक्षा के किए गए खास इंतजाम

सतना जिले के मैहर में मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर है। हर साल नवरात्रि के मौके पर यहां भव्य मेले का आयोज किया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन से लगने वाले इस मेले की शुरुआत हो चुकी है। मैहर के मां शारदा मंदिर पर प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों भक्त मां शारदा का दर्शन करने पहुंचते हैं। लोगों की मान्यताएं अलग-अलग हैं, जिनको लेकर वह दर्शन करने के लिए मैहर आते हैं। नवरात्रि के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। पहले दिन ही माता के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इतंजाम किए हैं।

नवरात्रि पर 15 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना

मैहर की ऊंची पहाड़ी पर मां शारदा का मंदिर है। शारदीय और चैत्र नवरात्रि में यहां करीब 10 से 15 लाख भक्त मां शारदा के दर्शन करने मैहर आते हैं। 15 दिनों तक चलने वाले इस मेले में मध्यप्रदेश के अलावा देश के कोने-कोने से भक्त मैहर आते हैं, वहीं प्रशासन आने वाले दर्शनार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम करता है। मैहर का मां शारदा मंदिर लोगों की श्रद्धा और आस्था का जाग्रत केंद्र है। मैहर मां शारदा का मंदिर हाई अर्लट जोन माना जाता है, जिसके चलते प्रशासन ने जगह-जगह सी.सी.टी.वी कैमरे लगाए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है।

ऊंची पहाड़ी पर विराजमान हैं मां शारदा

मैहर का मंदिर करीब 600 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक जाने के लिये 1080 सीढियां बनी हुई है, साथ में रोपवे से भी 150 रुपये के शुल्क के जरिए यहां पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर का अस्तित्व 6वीं शताब्दी से मिलता है। 1918 में यह मंदिर छोटा सा था, मंदिर में आने जाने के लिये पहाड़ी में दुर्गम रास्ते से आते जाते थे। 1951 में इस मंदिर में सीढियों का निर्माण हुआ और श्रद्धालु मंदिर में सीढियों से आने जाने लगे और भीड़ बढ़ने लगी। नवरात्रि मेले में लाखों श्रद्धालु  मं शारदा के दर्शन के लिए आते हैं।

सबकी मनोकामना होती है पूरी

मां के चरणों में प्रसाद में नारियल, सिंदूर, चुनरी, पान, सुपारी, चढ़ा कर भक्त अपने आप को धन्य मानते हैं। मं के दरबार में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। किवदन्तियों के अनुसार आज भी मां शारदा के परम भक्त आल्हा प्रथम दर्शन करते हैं और जासोन के ताजे फूल मां के चरणों में चढ़ाते हैं। 

 

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