Navratri 2022: यहां देवी मां को चढ़ाई जाती हैं चप्पलें और सैंडल, जानें इसके पीछे की वजह

नवरात्रि पर माता मंदिर के दर्शन और भेंट चढ़ाने का सिलसिला चलता रहता है। हम आपकों आज ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां माता को चप्पलें, सैंडल, फ्रॉक चढ़ाई जाती है। मान्यता है कि देवी मां रात में चप्पल और सैंडल को धारण करती हैं। ये भी माना जाता है कि सुंदर चप्पल-सैंडल चढ़ाने से मातारानी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। पुजारी बताते हैं कि बीते 20 सालों में यहां 15 लाख से ज्यादा जोड़ चप्पलें-सैंडल चढ़ाए जा चुके हैं। इन चप्पलों-सैंडलों को कन्याओं को दान दे दिए जाते हैं।
हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं, वो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कोलार इलाके में स्थित है। इसे पहाड़ वाली माता या जीजीबाई मंदिर के नाम से जाना जाता है। करीब 22 साल ये मंदिर एक पहाड़ी पर बनाया गया था। मान्यता है कि तकरीबन 22 साल पहले यहां ओम प्रकाश महाराज ने मूर्ति की स्थापना की थी। पुराने लोग बताते हैं महाराज ने तब शिव-पार्वती का विवाह कराया था और खुद कन्यादान किया था। तब से ओम महाराज मां सिद्धिदात्री को अपनी बेटी मान कर पूजा करते आ रहे हैं। इसलिए यहां माता रानी को बेटी स्वरूप में पूजा जाता है। लोग माता के लिए फ्रॉक भी चढ़ाते हैं।
बीते 15 सालों से मंदिर में दर्शन करने आ रहीं उर्मिला विश्वकर्मा बताती हैं कि वैसे तो सालभर ही माता के दर्शन करने वाले पहुंचते हैं। नवरात्रि में भक्तों का तांता लग जाता है। मान्यता है कि यहां आने वाले भक्त माता रानी को चढ़ावे के लिए चप्पल, सैंडल और कपड़े लाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। उर्मिला कहती हैं कि पहली बार जब गई थी तब माता के आगे चप्पलें रखी देखीं तो आश्चर्य हुआ पर पता चला कि मन्नत के लिए लोग चप्पलें-सैंडल चढ़ाते हैं तो मन्नत पूरी होने पर भी चप्पलें-सैंडल-फ्रॉक जैसे कपड़े चढ़ाते हैं।
दावा- देश का पहला करवाचौथ मंदिर भी यहीं
मंदिर पुजारी ओमप्रकाश महाराज बताते हैं कि मंदिर में एक करवा चौथ मंदिर की भी स्थापना की गई है। वे दावा करते हैं कि यह देश का पहला करवा चौथ मंदिर है। उन्होंने कहा कि सवाई माधोपुर राजस्थान में केवल चौथ मंदिर है, लेकिन यहां करवा चौथ मंदिर की स्थापना की गई है। यहां हर साल करवा चौथ पर बड़ा आयोजन किया जाता है विशेष रूप से महिलाएं यहां आ कर पूजा-अर्चना करती है। इस पहाड़ी पर 12 ज्योतिर्लिंग के स्वरूप में शिवलिंग स्थापित किए गए हैं।