गुजरात विधानसभा चुनाव: भाजपा-एआईएमआईएम के नेताओं में जुगलबंदी मुस्लिम मत जुटाने की तैयारी

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता व एआईएमआईएम के नेताओं की जुगलबंदी नये राजनीतिक समीकरण के संकेत दे रही है। आम आदमी पार्टी व कांग्रेस ने सीधे इन दलों को ए और बी टीम बताना शुरू कर दिया है। बीते सप्ताह दोनों दलों के नेताओं की एक बैठक हुई थी जिसका फोटो बुधवार को किसी ने वायरल कर दिया।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत की गत दिनों दिल्ली में इमाम से मुलाकात व मस्जिद होकर आने के बाद से भाजपा पर मुसलमान मतदाताओं को रिझाने का आरोप लगने लगा है। गुजरात की राजनीति में ऐसी ही एक मुलाकात ने भाजपा व एआईएमआईएम की करीबियों को उजागर किया तो विरोधी दल तुरंत हमलावर हो गये। दरअसल गुजरात एआईएमआईएम के अध्यक्ष साबीर काबलीवाला व अन्य नेताओं की अहमदाबाद के आस्टोडिया में अहमदाबाद महानगर के महापौर किरीट परमार, भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष धमेंद्र शाह व अन्य नेताओं के साथ बैठक का एक फोटो वायरल हुआ। कांग्रेस व मुस्लिम समाज के ही युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तुरंत भाजपा व एआईएमआईएम की जुगलबंदी पर हमला करते हुए कहा कि एमआईएम भाजपा की ही बी टीम है। एडवोकेट शमशाद पठान एवं कलीम सिद्दीकी ने कहा यह फोटो इसका सबूत है। चुनाव से पहले दोनों दलों के नेता आपस में मिल रहे हैं ये जनता को एक संदेश देने जैसा है।
आम आदमी पार्टी के नेता इस मुलाकात पर खूब चुटकियां ले रहे हैं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आप नेता गोपाल ईटालिया के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूछा ये क्या हो रहा है, बीजेपी और एआईएमआईएम में गुप्त बैठक। भाजपा देश को बताये कि दोनों में कया डील हुई। इससे पहले ईटालिया ने पूछा कि भाजपा नेता चलकर एआईएमआईएम के दफ्तर गये और वहां महापौर व एमआईएम नेता साबीर काबलीवाला के बीच क्या गुप्त चर्चा हुई, यह रिश्ता क्या कहलाता है।
तो, भाजपा को मिलेगा मुस्लिमों का साथ
गौरतलब है कि भाजपा विधानसभा चुनाव में गुजरात में किसी मुस्लिम को टिकट नहीं देती है लेकिन कुछ सीट पर मुस्लिम मतों में विभाजन कराने का प्रयास जरूर करती रही है। गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा,राजकोट, भरुच , जामनगर, खेडा, आणंद में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक है जबकि भरुच में 22 फीसदी। आरएसएस के सांप्रदायिक सौहार्द के संदेश को आगे बढाने के लिए भाजपा आगामी चुनाव में एक दो सीट पर भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतार देती है तो प्रदेश में भाजपा को प्रगतिशील मुसलिम परिवारों का समर्थन मिल सकता है।
Posted By: Navodit Saktawat