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ORS से लाखों जिंदगियां बचाने वाले दिलीप महालनोबिस का निधन जानिए इनके बारे में सबकुछ

ORS Dilip Mahalnabis: ओआरएस घोल के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि इसके जनक डॉ. दिलीप महालनोबिस थे। ताजा खबर यह है कि 87 साल की उम्र में दिलीप महालनोबिस (Dr. Dilip Mahalnabis) का निधन हो गया है। दिलीप महालनोबिस पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और कोलकाता के अपोलो हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। पिछले कई महीनों से वे बीमारी से जूझ रहे थे। उनके फेफड़ों में भी खराबी आ गई थी। डॉ. महालनोबिस का जन्म 12 नवंबर 1934 को हुआ था। 1958 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने बच्चों के डॉक्टर के रूप में सेवाएं देना शुरू कर दिया था।

Who was Dr. Dilip Mahalnabis

इसके बाद लंदन चले गए और वहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में शामिल हो गए। यहां से अपना MRCP पूरा किया। बाद में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जिसका कोलकाता के बेलियाघाटा आईडी अस्पताल में हैजा के इलाज के लिए एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र भी था। इसके बाद डॉ. महालनोबिस भारत लौट आए और 1964 में ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी पर अपना शोध शुरू किया।

What is the Full Form of ORS

ओआरएस (ORS) एक घोल है जिसमें डायरिया संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए टेबल सॉल्ट, बेकिंग सोडा और कमर्शियल ग्लूकोज का मिश्रण होता है। 1971 में बांग्लादेश युद्ध के दौरान लाखों शरणार्थी पूर्वी पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर हुए थे। इन्होंने पश्चिम बंगाल के विभिन्न शिविरों में शरण ली थी। यहां हैजा फैल गया था। तब डॉ महलानोबिस ने अपने कर्मचारियों के साथ ओआरएस का इस्तेमाल किया था और लाखों लोगों की जान बचाई थी। तब से लेकर अब तक देश में जब भी उल्टी दस्त या हैजा होता है तो सबसे पहले ओआरएस का घोल दिया जाता है। समय-समय पर सरकार ने अपनी योजनाओं के तहत इसका मुफ्त वितरण भी करवाया है।

Posted By: Arvind Dubey

 

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