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शहडोल में मिट्‌टी के नीचे दबने से 2 मजदूरों की मौत; सीवर लाइन खुदाई करते समय मिट्‌टी धंसी, 172 करोड़ का है प्रोजेक्ट

MP Shahdol Two workers died after getting buried in soil; एमपी के शहडोल जिले में सीवर लाइन खोदते समय मिट्टी ढहने से दो मजदूर उसमें दब गए। मजदूरों की आवाज सुनकर लोग मदद के लिए दौड़े, लेकिन मिट्टी लगातार धंसती जा रही थी। लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश भी की, लेकिन असफल रहे।

घटना गुरुवार दोपहर सोहागपुर थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 1 में हुई। चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाम 6 बजे पहले मजदूर का शव बाहर निकाला जा सका। दूसरे मजदूर का शव रात 10.30 बजे बाहर निकाला गया। मृतकों की पहचान कोटमा गांव के मुकेश बैगा पिता अकाली बैगा (40) और महिपाल बैगा अंगनु बैगा (33) के रूप में हुई।

महिपाल और मुकेश के शवों को पोस्टमार्टम के लिए कोनी से मेडिकल कॉलेज लाया गया। शुक्रवार सुबह दोनों का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद कोटमा गांव में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।

बारिश में काम करने से हादसा

कोनी के वार्ड क्रमांक 1 में शहडोल नगर पालिका द्वारा सीवर लाइन का काम कराया जा रहा है। यहाँ रहने वाले मन्नू वर्मा ने बताया कि गुरुवार को यहाँ बारिश हो रही थी। काम के दौरान अचानक मिट्टी ढह गई।

मज़दूर मदद के लिए पुकार रहे थे। आवाज़ सुनकर लोग मदद के लिए दौड़े, लेकिन लगातार मिट्टी ढहने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका। दोनों मज़दूर गुरुवार को पहली बार काम पर आए थे। ठेका कंपनी के पास मज़दूर कम थे, इसलिए दोनों को उनके गाँव से बुलाया गया था।

भाई बोला- ज्यादा पैसों के लालच में आ गया था

महिपाल के भाई कमलेश बैगा ने बताया कि भाई को सीवर लाइन का काम करना नहीं आता था। उसे गांव का ही जेसीबी वाला नायक पैसों का लालच देकर ले गया था। वह सुबह घर से निकला था। यहां आने के बाद मोहल्ले के लोगों ने बताया कि नाली में फंसने के बाद वह एक घंटे तक जिंदा रहा।

मदद की गुहार लगा रहा था, लेकिन मदद नहीं मिली। जो जेसीबी वाले उसे लेकर आए थे, वे भी उसे छोड़कर भाग गए। लोगों ने उसे मदद के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। हमें पंचायत की तरफ से 4 लाख की आर्थिक मदद भी नहीं मिलेगी, क्योंकि उसका संबल कार्ड नहीं बन सका था।

172 करोड़ का है प्रोजेक्ट

सीवर लाइन का प्रोजेक्ट 172 करोड़ का है। 162 करोड़ का डिजाइन बिल्ड है और 10 करोड़ का मेंटेनेंस है। 14 दिसम्बर 2021 को काम शुरू हुआ था। 13 दिसम्बर 2023 को पूरा करना था। कंपनी को पहली बार एक्टेंशन दिसंबर 2024 तक मिला।

काम पूरा नहीं होने कारण 30 जून 2025 तक काम पूरा करने का दोबारा एक्सटेंशन मिला था। कंपनी काम पूरा नहीं कर रही पा रही थी। मामले में एमपीयूडीसी के अफसरों की लापरवाही सामने आई है। अफसरों द्वारा कंपनी को भारी बारिश के बीच काम करने से नहीं रोका गया।

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