राहुल गांधी को गुल्लक देने वाले कारोबारी की खुदकुशी: पत्नी भी फंदे से लटकी मिली, लिखा- ED अफसर ने कहा था, BJP में होता तो केस नहीं होता

MP businessman and wife suicide: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में शुक्रवार सुबह कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के शव उनके घर में लटके मिले। 8 दिन पहले 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापेमारी की थी।
यहां से कई चल-अचल और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए थे। साथ ही 3.5 लाख रुपए का बैंक बैलेंस भी फ्रीज किया गया था। मामला पंजाब नेशनल बैंक में 6 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का है। इसमें परमार की गिरफ्तारी भी हुई थी। तब से वह परेशान था।
मनोज परमार ने न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी। इसके बाद वह चर्चा में आ गया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद से ही वह भाजपा के निशाने पर था। एसडीओपी आकाश अमलकर के मुताबिक मौके से पांच पेज का सुसाइड नोट मिला है।
बेटे ने कहा- ईडी ने बनाया मानसिक दबाव
मनोज परमार के तीन बच्चे हैं- बेटी जिया (18), बेटा जतिन (16) और यश (13)। जतिन ने कहा, ‘ईडी वालों ने उस पर मानसिक दबाव बनाया था। इसी वजह से उसके माता-पिता ने आत्महत्या की।’ मनोज के भाई और हर्षपुर के सरपंच राजेश परमार ने कहा कि मनोज ईडी के मानसिक दबाव में था। उसके खिलाफ पहले भी कार्रवाई हो चुकी थी, इससे वह परेशान था। भाजपा के लोग भी उसे परेशान कर रहे थे, इसी वजह से उसने यह कदम उठाया।
सुसाइड नोट में ईडी अफसरों पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप
पुलिस के मुताबिक मनोज परमार ने 5 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है। 7 पॉइंट वाले इस नोट में उसने 5 दिसंबर को ईडी की छापेमारी के बारे में लिखा है। उसने अफसरों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
पढ़िए, सुसाइड नोट की बड़ी बातें….
- 5 दिसंबर को ईडी ने सुबह 5 बजे रेड मारी। मेरे घर पर कागज का एक टुकड़ा नहीं छोड़ा। दूसरे के 10 लाख रुपए, ज्वैलरी और ओरिजनल दस्तावेज लेकर गए।
- ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने गाली-गलौज की। मारपीट की। भगवान शिव की मूर्ति को खंडित किया। कहा- भाजपा में होते, तो तुम पर केस नहीं होता।
- ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने मेरे कंधे पर पैर रखा। कहा- अपने बच्चों को भाजपा जॉइन करवा दे। राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनवा दे।
- बिना बयान लिए, खुद से बयान लिख लिए। मेरे हस्ताक्षर भी करवा लिए। घर से मोबाइल फोन और पेपर ले गए।
- अफसर बार-बार बाेलते रहे- इतनी धाराएं जोडूंगा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नहीं हटा पाएगा। इसलिए मामला सेटल करो और फ्री हो जाओ।
- मैंने परिवार के बारे में कहा कि सब लोग बेकसूर हैं लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी।
- राहुल गांधी जी से निवेदन है कि मेरे जाने के बाद बच्चों का ख्याल रखना। बच्चों को अकेला मत छोड़ना।
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