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MP News: मध्यप्रदेश में विश्वविद्यालयों के कुलपति अब कुलगुरु कहलाएंगे, राज्यपाल ने दिए कार्रवाई के निर्देश

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मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपति अब कुलगुरु कहलाएंगे। इस संबंध में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पटेल ने विश्वविद्यालय अधिनियमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप संशोधन करने के समन्वय समिति की बैठक में निर्देश दिए हैंं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने राजभवन के सांदीपनि सभागार में समन्वय समिति की 100वीं बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि सभी निजी और शासकीय विश्वविद्यालय अधिक से अधिक रोजगारमूलक पाठ्यक्रम संचालित करें। पाठ्यक्रमों की उच्च गुणवत्ता के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए। दीक्षांत समारोह में निजी कंपनी और उद्योगों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। कुलपति का नाम कुलगुरु किए जाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि शासकीय और निजी विश्वविद्यालय हर वर्ष पांच-पांच गांव गोद लेकर स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामुदायिक सेवा के कार्यों का संचालन करें। राष्ट्रीय सेवा योजना और सामुदायिक सेवा के कार्यों के समान ही रेडक्रॉस सोसायटी के साथ समन्वय कर, मानवता की सेवा के कार्यों में योगदान दें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा युवाओं को जमीन से जुड़े रहते हुए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनने का अवसर दिया है। नीति के प्रभावी और एकीकृत क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय अधिनियमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप संशोधन का कार्य समयसीमा में पूरा किया जाए। निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति और गवर्निंग काउंसिल में अधिकारियों के समयसीमा में नामांकन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। आवश्यक होने पर प्रक्रिया और नियमों में संशोधन किया जाए।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय काम के आधार पर पहचान बनाएं। विश्वविद्यालय क्षेत्रीय संसाधन और संभावनाओं से संबद्ध जैसे वनांचल में वन, दर्शनीय क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी और औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों के अनुरूप पाठ्यक्रम संचालित करें। विश्वविद्यालय में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य, नवाचार और बौद्धिक सम्पदा से समाज को परिचित कराए। अपने संसाधन और सुविधाओं के आधार पर गुणात्मक सुधार के प्रयास करें। इन्क्यूबेशन सेंटर, नेक ग्रेडिंग आदि की पहल करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाने के लिए पाठ्यक्रम संशोधन आदि विभिन्न विषयों पर चर्चा और सेमीनार करें।  

बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार कुलपति की नियुक्ति संबंधी प्रावधान करने का निर्णय लिया गया। आवश्यक होने पर विश्वविद्यालय के अधिनियमों में संशोधन किया जाएगा। यह भी तय किया कि विश्वविद्यालय में स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम संचालित करने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति में विचार किया जाए। बताया गया कि एकीकृत केन्द्रीय अध्ययन मंडल गठित कर स्नातक स्तर पर 84 विषय के पाठ्यक्रम विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दिए गए हैं।

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मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपति अब कुलगुरु कहलाएंगे। इस संबंध में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पटेल ने विश्वविद्यालय अधिनियमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप संशोधन करने के समन्वय समिति की बैठक में निर्देश दिए हैंं।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने राजभवन के सांदीपनि सभागार में समन्वय समिति की 100वीं बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि सभी निजी और शासकीय विश्वविद्यालय अधिक से अधिक रोजगारमूलक पाठ्यक्रम संचालित करें। पाठ्यक्रमों की उच्च गुणवत्ता के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए। दीक्षांत समारोह में निजी कंपनी और उद्योगों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। कुलपति का नाम कुलगुरु किए जाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि शासकीय और निजी विश्वविद्यालय हर वर्ष पांच-पांच गांव गोद लेकर स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामुदायिक सेवा के कार्यों का संचालन करें। राष्ट्रीय सेवा योजना और सामुदायिक सेवा के कार्यों के समान ही रेडक्रॉस सोसायटी के साथ समन्वय कर, मानवता की सेवा के कार्यों में योगदान दें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा युवाओं को जमीन से जुड़े रहते हुए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनने का अवसर दिया है। नीति के प्रभावी और एकीकृत क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय अधिनियमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप संशोधन का कार्य समयसीमा में पूरा किया जाए। निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति और गवर्निंग काउंसिल में अधिकारियों के समयसीमा में नामांकन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। आवश्यक होने पर प्रक्रिया और नियमों में संशोधन किया जाए।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय काम के आधार पर पहचान बनाएं। विश्वविद्यालय क्षेत्रीय संसाधन और संभावनाओं से संबद्ध जैसे वनांचल में वन, दर्शनीय क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी और औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों के अनुरूप पाठ्यक्रम संचालित करें। विश्वविद्यालय में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य, नवाचार और बौद्धिक सम्पदा से समाज को परिचित कराए। अपने संसाधन और सुविधाओं के आधार पर गुणात्मक सुधार के प्रयास करें। इन्क्यूबेशन सेंटर, नेक ग्रेडिंग आदि की पहल करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाने के लिए पाठ्यक्रम संशोधन आदि विभिन्न विषयों पर चर्चा और सेमीनार करें।  

बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार कुलपति की नियुक्ति संबंधी प्रावधान करने का निर्णय लिया गया। आवश्यक होने पर विश्वविद्यालय के अधिनियमों में संशोधन किया जाएगा। यह भी तय किया कि विश्वविद्यालय में स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम संचालित करने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति में विचार किया जाए। बताया गया कि एकीकृत केन्द्रीय अध्ययन मंडल गठित कर स्नातक स्तर पर 84 विषय के पाठ्यक्रम विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दिए गए हैं।

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